प्रधामंत्री है दूसरे भगीरथ: उमा भारती

हरिद्वार । केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने निर्मल गंगा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरा भगीरथ बताया। उन्होंने कहा कि नालों के पानी को ट्रीटमेंट के बाद भी गंगा में नहीं मिलने दिया जाएगा। शिरड़ी के साई बाबा पर ज्योतिष व द्वारिका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के बयान से उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि ‘शंकराचार्य मेरे लिए पिता तुल्य हैं। इसलिए उनके विरोध का प्रश्न ही नहीं है। साई आस्था के प्रतीक हैं और उन्होंने खुद को कभी भगवान नहीं कहा, साई में आस्था है।’

ऋषिकेश में दैनिक जागरण की पहल पर ‘गंगा जागरण’ अभियान का शुभारंभ करने पहुंची गंगा पुनरुद्धार मंत्री वहां जाने से पहले कुछ देर हरिद्वार ठहरीं। इस दौरान चंडीघाट स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा को लेकर गंभीर है। प्रधानमंत्री को दूसरे भागीरथ की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए काम किया जा रहा है। सरकार हर दिन गंगा की स्वच्छता के लिए छोटे-छोटे कदम उठा रही है। यह निर्णय जब व्यापक रूप में लागू होंगे तब इसका असर होगा। उन्होंने ऐलान किया कि गंगा में ट्रीटमेंट के बाद भी पानी नहीं जाने दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नदियों में खनन को लेकर सरकार ठोस योजना बनाएगी। खनन राज्यों का विषय है, इसलिए सभी राज्यों को इसमें साथ लेकर चला जाएगा। उन्होंने कहा कि खनन का वैज्ञानिक आधार होना चाहिए। नदी की धारा इससे प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

ज्योतिष व द्वारिका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के साईं बाबा पर दिए बयान पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि साईं आस्था के प्रतीक हैं। साईं ने खुद को कभी भगवान नहीं माना। साईं के भक्तों ने भी उन्हें अवतार घोषित करने का आग्रह भी नहीं किया। मेरी खुद साईं बाबा में आस्था हैं। उन्होंने कहा भारत में तो चिकित्सक को भी भगवान कहा जाता है। माता-पिता, गुरु व अतिथि को भी भगवान के तुल्य माना जाता है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि शंकराचार्य के विरोध का प्रश्न ही नहीं है।

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