इराक में स्थानीय कामगार भी कर रहे भारतीयों पर हमले

लखनऊ,इराक में नरसंहार कर रहे दहशतगर्द शिया-सुन्नी को आपस में लड़वाने की नापाक कोशिश कर रहे हैं। इसलिए कोई भी इंसान इन आतंकियों के बहकावे में न आएं। आपस में लड़कर दहशतगर्दो को उनके मिशन में हरगिज कामयाब न होने दें। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने इराक से वापस लौटने पर शुक्रवार को दैनिक जागरण से वहां के हालात बयां किए। इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने इराक के हालात पर कहा कि अमेरिका व इजरायल मुसलमानों में खाई पैदा करने की कोशिश में हैं। इराक में शिया-सुन्नी का कोई मामला नहीं है। जुल्म केवल शिया पर नहीं सुन्नी समुदाय पर भी हो रहा है। आतंकवादी इराक के नहीं हैं, बल्कि तुर्की, सऊदी अरब, अफगानिस्तान सहित कई मुल्कों के हैं जो अमेरिका व इजरायल के इशारे पर बेकसूरों का कत्लेआम कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही आतंकवादियों ने इराक के कई सुन्नी उलमा को निशाना बनाया। वहां के कई सुन्नी उलमा ने भी आतंकवादियों से मुकाबला करने के लिए फतवा दिया है। टीवी पर गलत खबरें प्रसारित करके व वीडियो जारी करके लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। मौलाना ने बताया कि अल्लाह का शुक्र है कि अब इराक के हालात पहले से बेहतर हो रहे हैं। कुछ इलाकों को छोड़ दें तो ज्यादातर शहरों में दहशतगर्दो को खदेड़ दिया गया है, बगदाद पूरी तरह से सुरक्षित है।

भारतीय श्रमिकों को स्थानीय श्रमिकों से है खतरा

इराक के कुर्दिस्तान में फंसे 47 भारतीय कामगारों को सुन्नी आतंकियों से नहीं बल्कि स्थानीय श्रमिकों से खतरा है। इराक में चरमराई कानून व्यवस्था का फायदा उठाकर स्थानीय कामगार भी भारतीयों को निशाना बना रहे हैं। दरअसल, इराकी मानते हैं कि भारतीयों के कारण उन्हें अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी हैं। पिछले सात माह से कुर्दिस्तान में रह रहे केरल के एक वेल्डर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, इराक में संकट शुरू होने के बाद हम पर हमले बढ़े हैं। स्थानीय लोग हमारे खिलाफ हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि भारतीयों ने हमारी नौकरियां छीनी हैं। हमले का कोई कारण नहीं है। हमारे लिए स्थितियां और दुरूह होती जा रही हैं। हमारे नियोक्ता की ओर से भी हमें कोई सुरक्षा नहीं प्रदान की जा रही। हमने काम पर जाना बंद कर दिया है और भारत लौटने का फैसला किया है। फोन पर बात कर रहे वेल्डर ने हालांकि स्पष्ट किया कि यह इलाका (कुर्दिस्तान) सुन्नी आतंकियों के हमले से अब तक अछूता है। सिर्फ स्थानीय लोग ही हम पर हमला कर रहे हैं। वेल्डर ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को इराक में भारतीय राजदूत से भी संपर्क कर कहा कि सभी 47 भारतीय स्वदेश लौटना चाहते हैं। इनमें 19 लोग केरल जबकि शेष गुजरात, आंध्र प्रदेश और बिहार के हैं। सभी अपनी-अपनी राज्य सरकारों के भी संपर्क में हैं। वेल्डर ने कहा, हमारे नियोक्ता ने इस माह का वेतन (600 अमेरिकी डॉलर) भी नहीं दिया है। वतन वापसी के लिए 2500 डॉलर की मांग की जा रही है। भारतीय राजदूत भी इस मामले से वाकिफ हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वह हमारी फरियाद सुनेंगे।

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