सुषमा के दौरे ने दी भारत-बांग्लादेश के रिश्ते को बढि़या शुरुआत
नई दिल्ली। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने तीन दिवसीय बांग्लादेश दौरे के बाद शुक्रवार को नई दिल्ली लौट आई। इस संतोषजनक दौरे से भारत का मानना है कि उसने बांग्लादेश के साथ एक दूसरे की चिंताओं के निवारण की एक बढि़या शुरुआत की।
सुषमा विदेश मंत्री के रूप में स्वतंत्र रूप से पहली विदेश यात्रा के तहत ढाका गई थीं। वहां वह राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, प्रधानमंत्री शेख हसीना, अपने समकक्ष एएच महमूद अली, विपक्ष की नेता रौशन इरशाद और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया सहित शीर्ष बांग्लादेशी नेताओं से मुलाकात कीं। बांग्लादेश से नई दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस दौरे के बारे में हमारा आकलन है कि यह अत्यंत फलदायक एवं संतोषजनक रहा।’
प्रवक्ता ने कहा कि सुषमा इस समझ के साथ लौट रही हैं कि यह एक दूसरे से की चिंताओं के समाधान और अच्छे पड़ोसी की भावना से मिलकर काम करने की अच्छी शुरुआत है।
इससे पहले वह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पाटी की अध्यक्ष खालिदा जिया से आधा घंटे बात कीं। वह बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के अंतरराष्ट्रीय मामलों के सलाहकार प्रोफेसर गौहर रिजवी से मिलीं। उनसे बातचीत में सुषमा ने तीस्ता जल बंटवारे और भूमि सीमा करार (एलबीए) को लागू करने को लेकर बांग्लादेश की चिंता दूर करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सौंपा जिसमें मोदी ने दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया था।
बेहतर रिश्ते के लिए ढाकेश्वरी मंदिर में पूजा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को यहां भारत और बांग्लादेश के बीच बेहतर रिश्ते के लिए ढाकेश्वरी मंदिर में पूजा की। इस दौरान ढाका के इस सबसे पुराने मंदिर में उन्होंने अन्य श्रद्धालुओं से हिंदी में बातचीत कीं। उन्होंने कहा मैं खुले दिमाग से बांग्लादेश आई। दोनों देशों में अच्छे रिश्ते हैं। ये रिश्ते और बेहतर होंगे। ढाका में सुबह सुषमा जिस सोनारगांव होटल में ठहरीं थीं वहां शेख हसीना की बहन शेख रेहाना और बेटी सैमा वाजिद हुसैन भी उनसे मिलने पहुंची। दोनों करीब आधे घंटे उनके साथ रहीं।
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