उत्तराखंड में तबाही का मंजर, चार की मौत, हजारों फंसे

20_07_2014-kedarnath20नई दिल्ली। उत्तर भारत में सावन का एक और दिन भीगता हुआ गुजरा लेकिन अब कुछ इलाकों में बारिश मुसीबत बनने लगी है। सबसे अधिक संकट उत्तराखंड पर मंडरा रहा है जहां इन दिनों चार धाम की यात्रा चल रही है। उत्तराखंड में बारिश के कारण हुए हादसों में चार लोगों की मौत हो गई।

लगातार हो रही बारिश से उत्तराखंड में जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया है और आने वाले 24 घंटे में भी राहत के आसार नहीं हैं। प्रदेश की प्रमुख नदियां गंगा,भागीरथी, अलकनंदा, मंदाकनी, काली, सरयू और शारदा खतरे के निशान के करीब हैं। हालात को देखते हुए अलर्ट जारी कर तटीय इलाके खाली कराए जा रहे हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में मंदाकनी नदी पर बने पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही रोक दी गई है।

भूस्खलन से पहाड़ की लाइफलाइन माने जाने वाली 125 सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और सौ से ज्यादा गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। इसके साथ ही कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग चौथे दिन भी नहीं खोला जा सका। शनिवार को बारिश के कारण रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ इलाके में पहाड़ी से गिरे मलबे में दबकर एक महिला की मौत हो गई, जबकि कुमाऊं के चंपावत जिले के लोहाघाट में गोशाला ध्वस्त होने से एक वृद्ध की जान चली गई।

इसके अलावा गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में उफनती नदियों में दो लोग बह गए। भारी बारिश से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग करीब सौ मीटर और यूपी और कुमाऊं को जोड़ने वाला जसपुर-काशीपुर हाइवे तीन सौ मीटर बह गया।इसके अलावा बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री धाम के विभिन्न पड़ावों पर तकरीबन एक हजार यात्री सड़क खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

इनमें सर्वाधिक लगभग 900 यात्री बदरीनाथ के पड़ावों पर हैं। इस बीच उत्तरकाशी और गंगोत्री के बीच फंसे योग गुरु बाबा रामदेव और उनके चार सौ समर्थकों का काफिला हरिद्वार के लिए रवाना हुआ। देर शाम सभी लोग सुरक्षित हरिद्वार पहुंच गए थे। ऊधमसिंह नगर जिले में कैलास व बैगुल नदियों के उफान से सितारगंज क्षेत्र के उकरौली में टापू बन गया है। वहां 80 परिवार फंसे हैं।

चमोली जिले में भूस्खलन के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिले के सोनप्रयाग में करीब 120 यात्री केदारनाथ के दर्शनों के लिए इंतजार कर रहे हैं। हरिद्वार में रेलवे ट्रैक पर पानी भरने से रेलगाडि़यों का संचालन प्रभावित हुआ है। गंगा का तेवर देखते हुए प्रशासन तटीय इलाकों को खाली करा रहा है।

हिमाचल प्रदेश में चार दिन से हो रही बारिश का क्रम शनिवार को भी जारी रहा। नदियां उफान पर हैं जबकि भूस्खलन व पेड़ गिरने से कई राष्ट्रीय राजमार्ग व संपर्क सड़कें बाधित हुई हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले 36 घंटे तक मानसून की रफ्तार धीमी रहेगी, जिससे लोगों को राहत मिलेगी। किन्नौर की उरनी ढांक में बारिश के कारण चंट्टानें खिसकना जारी है, जिससे मार्ग अवरुद्ध रहा।

टापरी चोलिंग में भूस्खलन से मार्ग बाधित रहा। सिरमौर जिले में भूस्खलन से दर्जनों संपर्क मार्ग बाधित हैं। बीते 24 घंटे के दौरान राजगढ़ में सर्वाधिक 85 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

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