नेकां-कांग्रेस का तलाक, अलग-अलग लडे़ंगे चुनाव
श्रीनगर/जम्मू। जम्मू-कश्मीर में इस वषर्ष के अंत तक होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के पूर्व राज्य में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांगेस ने छ: वर्ष पहले किया गठबंधन तोड़ने का फैसला कर लिया। दोनों दलों ने राज्य में 2008 में चुनाव पश्चात हुआ गठबंधन तोड़ते हुए अलग-अलग चुनाव लड़ने की घोषाणा की है। हालांकि चुनाव तक राज्य में नेकां-कांग्रेस की गठबंधन सरकार कायम रहेगी।
कांगेस नेता गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी और सैफुद्दीन सोज ने रविवार को जम्मू में घोषाणा की कि पार्टी राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और कोई चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं होगा। जम्मू-कश्मीर मामलों की प्रभारी कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी ने राज्य के नेताओं व पार्टी कार्यकर्ताओं से परामर्श के बाद पार्टी ने यह फैसला लिया है। सोनी ने कहा है कि हम राज्य की सभी 87 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे या कुछ परंपरागत गठबंधन प्रत्याशियों का समर्थन करेंगे। मौजूदा विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस की 28 और कांग्रेस की 17 सीटें हैं।
10 दिन पहले ही सोनियाजी का बता दिया था: उमर
कांग्रेस द्वारा अकेले चुनाव लड़ने की घोषषणा के चंद मिनट बाद ही मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्होंने 10 दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कह दिया था कि राज्य में चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं होगा। उमर ने कहा कि मैं सोनियाजी से 10 दिन पहले मिला था और मदद के लिए धन्यवाद देते हुए नेकां के अकेले चुनाव लड़ने के निर्णय की सूचना उन्हें दे दी थी।
उमर ने कहा कि गठबंधन अवसरवादी न कहलाए इसलिए मैं इसकी सार्वजनिक घोषाणा नहीं करूंगा, यह बात भी मैंने उनसे कही थी। लेकिन अब कांग्रेस ने यह घोषणा की है जो गलत और हैरान करने वाली है।
चुनाव बाद गठबंधन था
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने 2008 के विधानसभा चुनाव में त्रिशंकु नतीजे आने के बाद चुनाव बाद गठबंधन किया था। अब वोट बैंक कायम रखने के लिए दोनों दलों ने फिर अपनी ढपली अपना राग का खेल शुरू कर दिया है।
लोकसभा में सफाया
नेकां और कांग्रेस ने हाल का लोकसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ा था। इसमें उनकी करारी हार हुई थी और विपक्षी भाजपा और पीडीपी ने तीन-तीन सीटों पर कब्जा जमा लिया था। भाजपा ने जम्मू, उधमपुर और लद्दाख सीट जीती वहीं पीडीपी ने घाटी की तीनों सीटों पर कब्जा जमा लिया था।
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