सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट से राहत
नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को न्यूयॉर्क व लंदन के तीन होटलों की बिक्री का सौदा करने के लिए तिहाड़ के कांफ्रेंस हॉल के उपयोग की सुविधा दे दी है। सुब्रत दस कार्य दिवसों तक कांफ्रेंस हॉल में रहकर सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक सौदे की बातचीत कर सकते हैं। दिल्ली सरकार ने अधिसूचना जारी कर तिहाड़ स्थित इस कांफ्रेंस हॉल को जेल घोषित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेश से सुब्रत और दो अन्य निदेशकों की रिहाई के लिए पैसे का जल्दी इंतजाम होने की उम्मीद जगी है।
सहारा समूह ने कोर्ट के आदेश पर संतोष और खुशी जताते हुए कहा इससे चीजें आसान हो जाएंगी। कोर्ट ने रिहाई के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की शर्त रखी है। इसके इंतजाम के लिए वह पहले ही कंपनी के खातों के संचालन और भारत स्थित नौ अचल संपत्तियों तथा विदेश के तीन होटलों को बेचने की इजाजत दे चुका है। समूह की मांग थी कि न्यूयॉर्क और लंदन के तीनों होटलों की बिक्री का सौदा सुब्रत के बगैर नहीं हो सकता। इनके सौदे के लिए सुब्रत को सुविधा दिए जाने की मांग की गई थी। इस पर कोर्ट ने जेल अधिकारियों से संभावनाओं पर राय मांगी थी। जेल अधिकारियों ने ही कांफ्रेंस हॉल की सुविधा का प्रस्ताव दिया था, जिसे सहारा ने स्वीकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।
कोर्ट ने सुब्रत और कंपनी के दो अन्य निदेशकों को दस कार्य दिवसों तक तिहाड़ परिसर स्थित कांफ्रेंस हॉल में रहकर खरीदारों के साथ होटलों के सौदे की इजाजत दी है। इतना ही नहीं इस दौरान उन्हें तीन सहयोगियों और मोबाइल फोन, वीडियो कांफ्रेंसिंग, वाइफाई और कंप्यूटर की भी सुविधा मिलेगी। यह और बात है कि इसका खर्च कंपनी को ही उठाना पड़ेगा। सौदे की बातचीत सिर्फ कार्य दिवस पर सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक ही की जा सकती है। कोर्ट ने सहारा के वकील हरीश साल्वे और गौरव भाटिया का अनुरोध स्वीकार करते हुए सुब्रत व बाकी दोनों निदेशकों को तब तक के लिए कांफ्रेंस हॉल में ही रहने की भी इजाजत दे दी है। आदेश पर तत्काल अमल करते हुए हुए दिल्ली सरकार ने कांफ्रेंस हॉल को जेल घोषित कर दिया है। सुब्रत के दस कार्य दिवस की गिनती 5 अगस्त से शुरू होगी। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सहयोगी स्टाफ 8 बजे के बाद जेल में नहीं रुकेगा।
आयकर विभाग ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि कंपनी पर 10 हजार करोड़ की आयकर देनदारी बनती है। इसका डिमांड नोटिस कंपनी को भेजा जा चुका है। कंपनी ने डिमांड नोटिस को सीआइटी में चुनौती दे रखी है। सहारा ने आयकर कार्रवाई पर आपत्ति उठाई।
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