गाजा में फिर टूटा संघर्ष विराम, मृतकों की संख्या पहुंची 1500 के पार
संयुक्त राष्ट्र। इजरायल और फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास शुक्रवार को बिना शर्त गाजा में 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमत हुए। लेकिन संघर्ष विराम प्रारंभ होने के कुछ घंटे बाद ही यह टूट गया। स्थानीय अस्पताल के मुताबिक संघर्ष विराम प्रारंभ होने के कुछ घंटे बाद गाजा के दक्षिणी भाग में स्थित रफाह शहर के पास इजरायल द्वारा की गई गोलाबारी में 40 लोग मारे गए।
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में इस संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी। गाजा पट्टी में 72 घंटे का संघर्ष विराम प्रारंभ होने से पहले शुक्रवार को इजरायल के हवाई हमले में 14 फलस्तीनी मारे गए और 29 घायल हो गए। गाजा में पिछले 25 दिनों के संघर्ष में 1500 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘यरुशलम में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि, विशेष समन्वयक रॉबर्ट सेरी को इस बात का आश्वासन मिला है कि सभी संबंधित पक्ष गाजा में बिना शर्त मानवीय आधार पर संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गए हैं।’ एक अन्य घटनाक्रम में इजरायली और फलस्तीनी प्रतिनिधिमंडल मिस्त्र की सरकार के साथ बातचीत के लिए शीघ्र काइरो जाएगा। मिस्त्र के निमंत्रण पर दोनों प्रतिनिधिमंडल काइरो जा रहा है। दोनों पक्ष स्थायी संघर्ष विराम के लक्ष्य को लेकर वहां जा रहे हैं। गाजा में 72 घंटे के संघर्ष विराम की घोषणा के बाद मिस्त्र ने स्थायी संघर्ष विराम पर बातचीत करने के लिए इजरायल और फलस्तीन के प्रतिनिधिमंडल को काइरो आमंत्रित किया है।
क्रिकेट की ड्रेस छोड़ पहनी सेना की वर्दी
भारतीय मूल के दो इजरायली भाइयों ने क्रिकेट प्रेम पर राष्ट्रीय कर्तव्य को वरीयता दी है। फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास के साथ चल रहे संघर्ष को देखते हुए क्रिकेट में इजरायल का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय मूल के दो भाइयों रोनेन व शिफरॉन वास्कर ने अपने देश को बचाने के लिए क्रिकेट की ड्रेस छोड़कर सेना की वर्दी पहन ली है।
गाजा पीड़ितों को 6 करोड़ की मदद देगा भारत
गाजा में हमास और इजरायल के बीच जारी संघर्ष में मरने और पलायन करने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। संकट को देखते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र के एक फंड में 10 लाख डॉलर (6.15 करोड़ रुपये) के अनुदान की योजना बनाई है। भारत की ओर से दिए जाने वाले इस अनुदान का प्रयोग गाजा में फंसे फलस्तीनियों के लिए दवाइयों, भोजन और शरणस्थल बनाने में होगा। नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, ‘हम गाजा के लोगों के लिए 10 लाख डॉलर का अनुदान देने की योजना बना रहे हैं।’ यह राशि यूनाइटेड नेशंस रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी के पास भेजी जाएगी। यह संगठन जॉर्डन, लेबनान और सीरिया के साथ-साथ गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं की व्यवस्था करता है। भारत हर साल 10 लाख डॉलर का अनुदान देगा।
Comments are closed.