नगर निगम चुनावों में दक्षिण एशियाई भाईचारे की सक्रियता से उपस्थिति क्यों जरूरी है?
ओंटारियो : अगले नगर निगम चुनावों में दक्षिण एशियाई लोगों की हिस्सेदारी क्यों जरूरी है? यह प्रश्न आज कल ओंटारियो की सियासत में बड़े जोरों से विचारा जा रहा है। जानकारी के अनुसार मिसीसागा में इस भाईचारे की संख्या 22 प्रतिशत है जबकि ब्रैंप्टन में 38 प्रतिशत आबादी दर्ज की गई है। पील क्षेत्र में यह संख्या 27 प्रतिशत है। जानकारों का मानना है कि दक्षिण एशियाई भाईचारे नगर निगम चुनावों में पूरी दिलचस्पी दिखाए तो इन काउंसिलों पर कब्जा किया जा सकता है। यह भी कहा जा सकता है कि इस भाईचारे ने पिछले 40 वर्षों से कैनेडा की तरक्की एवं खुशहाली में अहम योगदान दिया है। सरकार द्वारा लगाए गए बड़े बड़े टैक्स जिन में सम्पति टैक्स भी शामिल है, अदा करके दक्षिण एशियाई लोगों ने सरकार को माला माल किया है। माना जा रहा है कि यह भाईचारा स्थानीय चुनावों में अपनी ताकत दिखा कर ट्रांसपोर्ट एवं सम्पति टैक्स से जुड़ी नीतियों में तबदीलियां कर इनको अपने रोजगार के अनुसार आसान बना सकता है। अब तक यह भाईचारा सियासी तौर पर अपनी ताकत बनाने में नाकाम रहा है और न ही इसने सियासत में अपना प्रभाव ही छोड़ा है। यह भाईचारा सियासी तौर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में फेल हुआ है। इस लिए समझा जा रहा है कि इस वक्त अच्छा अवसर है जब इस असफलता को सफलता में बदला जा सकता है। अक्टूबर महीने में स्थानीय चुनाव होने हैं और इस दौरान दक्षिण एशियाई भाईचारा अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकता है। मेयर एवं काउंसिल अपने चुन कर नगर काउंसिलों पर अधिकार जमाया जा सकता है। दक्षिण एशियाई भाईचारा महसूस करता है कि हमारे भाईचारे के जो भी मुद्दे हैं, उनको आगे रखा जाए और उस नेता एवं पार्टी को आगे किया जाए जो इन मामलों का समाधान करने का यकीन दिलाए। यही नहीं, दक्षिण एशियाई भाईचारे को समर्पित पत्रकारों एवं संपादकों को भी इस भाईचारे से बातचीत कर उनके मसलों एवं जरूरतों को उजागर करना चाहिए। मीडिया को एक लहर खड़ी करनी चाहिए ताकि हमारा भाईचारा सियासी तौर पर आगे हा सके। हमारे भाईचारे को मेयर चुनावों में कुछ ऐसे नुक्ते उठाने चाहिए जो हर पार्टी एवं लीडर को मानने के लिए मजबूर होना पड़े। कुछ मुद्दे यह हैं :
नगर काउंसिल सेवाएं जो आसानी से मुहैया कराई जाएं :
1. बुजुर्गों को ट्रांजिट बस पास मुहैया कराए जाएं
2. बुजुर्गों को नगर काउंसिल रीक्रिएशनल सेवाएं प्रदान की जाएं
3. दक्षिण एशियाई भाईचारे के लिए सभी नगर काउंसिलों में विशेष मीटिंग हॉल कायम किये जाएं
4. सीनियर सिटीजंस की रिहायशों के बाहर बर्फबारी के बाद इक्_ी हुई बर्फ को साफ कराने का इंतजाम किया जाए
स्वास्थ एवं मानवी सेवाएं जिनके बारे में गंभीरता से विचार होना चाहिए
1. पील हैल्थ एवं मानवी सेवाओं को समर्थन देना एवं विशेष हदायतें देना ताकि हमारा भाईचारा इन सेवाअेां से बांछित न रह सके। ऐसा होना इस लिए भी जरूरी है क्योंकि यहां विभिन्न नस्लों एवं धर्मों के विभिन्न सांस्कृतियों से जुड़े लोग रहते हैं।
2. सभी नागरिकों के लिए रिहायशी घरों का प्रबंध
3. शहर की अनेकता में एकता को विकसित करना
4. स्कूलों, सडक़ों एवं पार्कस के लिए सही जगह का प्रबंध करना
5. नगर काउंसिलों की अतिरिक्त जमीन भाईचारक समूहों को पैसे ले कर प्रदान करना
6. जितने भी बोर्ड, संस्थाएं, कमिश्न एवं एजंसियों का गठन किया जाता है, उसमें दक्षिण एशियाई भाईचारे को प्रतिनिधित्व देना
7. स्थानीय व्यापारियों एवं उद्योगपतियों को कारोबार बढ़ाने के लिए हर मदद देना
8. गलियों, जनतक स्थानों, पुस्तक घरों एवं कम्यूनिटी केंद्रों के नाम रखना
9. सिटीजन एडवाइजरी कमेटी का गठन करना। धार्मिक वितकरे को खत्म करने के लिए कदम उठाना।
यह ऐसी मांगें एवं मुद्दे हैं जिन को आधार बना कर स्थानीय चुनावों में दक्षिण एशियाई भाईचारा चुनाव लड़ सकता है या अन्य नेताओं को समर्थन दे सकता है।
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