दिल्ली को लेकर भाजपा का फार्मूला हुआ तैयार
नई दिल्ली,दिल्ली की कुर्सी को लेकर सियासी घमासान जारी है। विपक्ष जहां भाजपा पर असंवैधानिक तरीके से सरकार बनाने की साजिश रचने का आरोप लगा रहा है, वहीं भाजपा का कहना है कि उपराज्यपाल से बुलावा मिलने के बाद राजनीतिक परिस्थितियों का विश्लेषण कर कोई फैसला लिया जाएगा। जबकि हकीकत यह है कि भाजपा ने दिल्ली के भविष्य को लेकर फैसला तो कर लिया है, लेकिन अभी खुलासा नहीं करना चाहती है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय की बातें भी कुछ इसी ओर इशारा करती हैं।
दिल्ली की राजनीतिक अनिश्चितता खत्म करने के लिए उपराज्यपाल ने राष्ट्रपति को जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने की अनुमति मांगी गई है। इसके बावजूद भाजपा खुलकर सरकार बनाने को लेकर हामी नहीं भर रही है। हालांकि, इसके नेता सरकार बनाने का संकेत जरूर दे रहे हैं। वह आम आदमी पार्टी [आप] द्वारा विधानसभा भंग करने के लिए चलाई जा रही मुहिम का भी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस समय कोई भी विधायक चुनाव नहीं चाहता है।
संवैधानिक रूप से इस बारे में उपराज्यपाल को फैसला लेना है, जिसके बाद भाजपा अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी। इसलिए भाजपा की सरकार बनेगी या नहीं इस बारे में आप को चिंता करने या विरोध करने का कोई हक नहीं है। सतीश उपाध्याय का भी कहना है कि आप नेताओं को यह कहने का काई अधिकार नहीं है कि वह भाजपा की सरकार नहीं बनने देंगे।
केजरी ने सौंपी स्टिंग की सीडी
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को उपराज्यपाल नजीब जंग को ‘ऑपरेशन पर्दाफाश’ स्टिंग की सीडी और ट्रांसक्रिप्ट [लिखित प्रतिलिपि] सौंपी। इसमें कथित तौर पर दिखाया गया है कि सरकार बनाने को लेकर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष शेर सिंह डागर आप विधायक दिनेश मोहनिया को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
विश्वास को करीब लाए
अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद कुमार विश्वास आप से दूरियां बनाए हुए हैं। न तो वे दिल्ली से विधायक हैं और न ही यहां की राजनीति से उनका नजदीक का वास्ता है। बावजूद इसके उपराज्यपाल से मुलाकात के लिए केजरीवाल कुमार विश्वास को खासतौर पर साथ ले गए। पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर चुके विश्वास पहले की तरह पार्टी के साथ हैं, यह दिखाने की कोशिश आप नेताओं ने की है।
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