अमेरिका में अब भी दक्षिण एशियाई हैं नफरत के शिकार
वाशिंगटन। तेरह साल बीतने के बाद भी 9/11 के आतंकी हमले के साये से अमेरिका मुक्त नहीं हो पाया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में दक्षिण एशियाई लोगों खासकर मुस्लिम, सिख, ¨हदू तथा अरब समुदाय के लोगों को नफरत भरे माहौल में जीना पड़ता है।
साउथ एशियन अमेरिकन्स लीडिंग टूगेदर (साल्ट) ने जनवरी, 2011 से अप्रैल, 2014 के दौरान राजनीतिक हस्तियों व सरकारी अधिकारियों द्वारा नफरती ¨हसा और शाब्दिक आलोचनाओं की 150 से ज्यादा घटनाओं को संकलित कर ‘अंडर सस्पिशन, अंडर अटैक’ नाम से रिपोर्ट जारी की है। 2010 में साल्ट की रिपोर्ट के पिछले संस्करण के बाद से अब तक घृणा भरी राजनीतिक टिप्पणियों में सालाना 40 फीसदी की वृद्धि देखी गई। नफरती ¨हसा की बहुत सी घटनाओं की रिपोर्ट न मिल पाने के बावजूद देशभर में ऐसी 80 घटनाएं देखी गई। इनमें मुस्लिम विरोध की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही। रिपोर्ट में कहा गया कि नफरती ¨हसा का केंद्र न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, शिकागो और इसके आसपास के क्षेत्र तथा दक्षिणी और उत्तरी कैलिफोर्निया रहे। साल्ट के कार्यकारी निदेशक सुमन रंगनाथन ने कहा, ‘घटना के 13 साल बाद भी हम बड़ी तादाद में अपने समुदाय के खिलाफ नफरती ¨हसा और राजनीतिक घृणा के मामले देख रहे हैं। इनमें 80 फीसदी मामले मुस्लिम विरोधी मानसिकता में होते हैं।’ अरब अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ न्यूयॉर्क की कार्यकारी निदेशक लिंडा सरसौर ने कहा कि 9/11 के बाद से लगातार हमारे समुदाय ने नफरती ¨हसा और प्रतिघात झेला है। डीआरयूएम के कार्यपालक निदेशक फहद अहमद ने कहा कि रिपोर्ट में सिर्फ हमारे समुदाय के सामने आने वाली समस्याओं को ही नहीं रखा गया है बल्कि सहयोग के बेहतर विकल्प भी शामिल किए गए हैं।
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