ओटावा की कंपनी को व्यक्ति से नस्लीय भेदभाव करने के कारण 8000 डॉलर का जुर्माना
टोरांटो : ओटावा स्थित एक कंपनी द्वारा एक विदेशी व्यक्ति को कह कर नौकरी देने से मना कर दिया गया कि वह सिर्फ गोरे लोगों को ही काम पर रखते हैं। इस के पीछे ओंटारियो के हयूमन राईट्स ट्रिब्यूनल द्वारा इस कंपनी विरुद्ध कार्रवाई की गई है। ट्रिब्यूनल द्वारा इस ओटावा वैल क्लीनिंग एंड रिस्टोरेशन कंपनी को उस व्यक्ति मलिक बोरौऊई को 8000 डॉलर जुर्माना अदा करने का आदेश किया गया है, जिसे उन्होंने जून 2013 में नौकरी देने से मना कर दिया था। ट्रिब्यूनल द्वारा हयूमन राईट्स कोड स्थित इस कंपनी पर कई मानवीय अधिकारों के उल्लंघन के दोष लगाए गए हैं। पिछले सप्ताह लिए गए फैसले में इस ट्रिब्यूनल ने कहा कि जवाबदेह कंपनी द्वारा इस व्यक्ति को उसके रंग, जाति व उसके जन्म स्थान के आधार पर नौकरी देने से मना कर दिया गया था। यह बात साबित हो चुकी है कि इस घटना के कारण मलिक बोरौऊई बहुत ही दुखी हुआ है तथा वह उसके लिए बहुत ही अपमानजनक व्यवहार था। इन आधार पर किसी को नौकरी ना देना देश के संविधान अनुसार प्रतिबंधित है।
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