मोदी के साथ मेरे रिश्ते बहुत पवित्र, भावुक और गहरे: राजनाथ सिंह

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री के साथ मतभेद की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी से उनके रिश्ते ‘बहुत पवित्र, भावुक और गहरे’ हैं। वह सुनिश्चित करेंगे कि ‘व्यक्तिगत नुकसान’ के बावजूद ये खराब ना हों। एक पाक्षिक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में सिंह ने यह भी कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मोदी की सर्वोच्चता बहुत स्वाभाविक है न कि थोपी हुई।

गृहमंत्री ने कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि पिछले डेढ़ साल में प्रधानमंत्री के साथ हमारे रिश्ते बहुत गहरे हुए हैं। जो हमारे संबंधों के बारे में अटकलें लगा रहे हैं, वे असलियत से पूरी तरह अनजान हैं। ये इतने पवित्र, भावुक और गहरे हैं कि कोई इसे बिगाड़ नहीं सकता है। मैं खुद के व्यक्तिगत नुकसान पर भी ऐसा नहीं होने दूंगा।’

राजनाथ ने कहा,’अगर मैंने किसी व्यक्ति से गहरा व्यक्तिगत और भावुक रिश्ता बनाया है, तो मैं उसे किसी भी प्रकार से हानि पहुंचाने के बारे में नहीं सोच सकता। किसी को हानि पहुंचाने का अपराध मैं सिर्फ इस आधार पर नहीं कर सकता कि उस व्यक्ति से मेरे मतभेद हो गए हैं।’ उन्होंने यह भी माना कि कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं, जो पूर्व के किसी मतभेद के कारण उनसे शिकायत रखते हों। राजनाथ ने कहा,’मैं उनसे बातचीत कर मुद्दों को सुलझाने को तैयार हूं।’

यह पूछे जाने पर कि पार्टी अध्यक्ष बने रहने की इच्छा जताने के बावजूद उन्होंने मंत्री बनना क्यों पसंद किया? गृहमंत्री ने कहा, ‘पार्टी नेतृत्व और खासतौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे यह जिम्मेदारी लेने को कहा। फिर मैंने पार्टी की सामूहिक राय के आधार पर चलने का फैसला किया।’

सरकार में शामिल होने से मोदी की प्रधानता स्वीकार करने पर क्या कोई अफसोस है? इसके जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में मैं कभी सर्वोच्च पद के लिए लालायित नहीं रहा।

गृहमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तार क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए सरकार वहां के लोगों को सशक्त करने पर ध्यान देगी, न कि देश के विरोधियों को किसी तरह का फायदा पहुंचाएगी।

कश्मीर मामले में नहीं होगी किसी वार्ताकार की नियुक्ति गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर पर किसी वार्ताकार की नियुक्ति को खारिज करते हुए कहा कि पूर्व में ऐसे प्रयासों से कोई फायदा नहीं हुआ है। एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में गृह मंत्री ने यह भी साफ किया कि बातचीत से उन्हें परहेज नहीं है। अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस पर निशाना साधते हुए राजनाथ ने कहा कि वह देश विरोधियों के साथ बिना नतीजे वाली बातचीत के खिलाफ हैं।

गृहमंत्री से सवाल किया गया था कि एन. रवि को पूर्वोत्तार का वार्ताकार नियुक्त करने की तरह ही क्या केंद्र कश्मीर के लिए भी कोई वार्ताकार नियुक्त कर सकता है? इसके जवाब में राजनाथ बोले,’हम कब तक वार्ताकार नियुक्त करते रहेंगे? अतीत की इन बेनतीजा परंपराओं को बंद किया जाना चाहिए।’

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