अब दाऊद की खैर नहीं, अमेरिका का भी वांटेड हुआ
वाशिंगटन। 1993 के मुंबई धमाके के मास्टरमाइंड और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके आर्थिक नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई में पहली बार भारत को अमेरिका का साथ मिलने वाला है। अमेरिका यात्रा पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच शिखर वार्ता में आतंकियों और अपराधियों के सुरक्षित ठिकानों व उनके आर्थिक तंत्र को नष्ट करने के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया गया। अब दाऊद इब्राहिम (डी-कंपनी), लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ दोनों देश एक-दूसरे के साथ सहयोग करेंगे। दोनों शासनाध्यक्षों की बैठक के बाद मंगलवार को जारी साझे बयान में भारत की सलाह पर डी-कंपनी का नाम आतंकी संगठनों की सूची में डाला गया। मीडिया के सामने ओबामा के साथ साझा बयान जारी करने आए मोदी ने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने और सूचनाओं के आदान-प्रदान का भी फैसला किया। हालांकि, दाऊद के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, इसका विस्तृत विवरण देने से भारतीय अधिकारियों ने इन्कार कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने सिर्फ इतना कहा कि समझदार के लिए इशारा ही काफी है। भारतीय अधिकारियों ने ये भी स्पष्ट किया कि भारत पश्चिम एशिया में आतंकवाद के खिलाफ किसी गठजोड़ का हिस्सा नहीं बनेगा। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को ध्वस्त करने के संयुक्त अभियान का यह मतलब नहीं है कि दोनों देश कोई संयुक्त कार्रवाई करने जा रहे हैं। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र के प्रावधानों के तहत ही एक-दूसरे का सहयोग करेंगे।
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