पाक ने कश्मीर को बताया कानूनी मुद्दा, जनमत संग्रह की मांग

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है। उसने गुरुवार को कहा कि कश्मीर एक कानूनी मुद्दा है और इसका समाधान कश्मीरियों की आकांक्षा को ध्यान में रखते हुए जनमत-संग्रह से किया जाना चाहिए।

साप्ताहिक ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो भी वार्ताएं हुई, वे कश्मीर में जनमत संग्रह कराने के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का विकल्प नहीं थीं। उनके मुताबिक, दोनों देशों के बीच शिमला समझौता संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को निष्क्रिय नहीं बनाता है।

प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित के अलगाववादी कश्मीरी नेताओं से मिलने में कुछ भी गलत नहीं था।

असलम का बयान नवाज शरीफ के संयुक्त राष्ट्र में उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर पर जनमत संग्रह का प्रस्ताव साठ साल पहले पास किया गया था। शरीफ ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लोग आज भी उस वादे को पूरा किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। भारत ने शरीफ की मांग का मजबूती से खंडन किया था।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के अपने भाषण में कहा था कि आतंकवाद की छाया में द्विपक्षीय मामलों पर गंभीर चर्चा नहीं हो सकती।

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