पत्रकारों के साथ हुई ज्यादती की जांच को पीसीआई ने समिति बनाई
नई दिल्ली, हरियाणा में विवादास्पद धर्मप्रचारक रामपाल की गिरफ्तारी के दौरान पत्रकारों से हुई मारपीट की घटना की जांच के लिए भारतीय प्रेस परिषद [ पीसीआई] ने चार सदस्सीय समिति का गठन किया है। रामपाल की गिरफ्तारी के दौरान घटना को कवर करने गए पत्रकारों के साथ हरियाणा पुलिस से मारपीट की थी तथा उनके उपकरणाों को तोड़ दिया था।
प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने कहा कि कल पत्रकारों के साथ हुई मारपीट की घटना से संबंधित खबरों पर उनकी नजर थी। प्रथम दृष्टया यह मामला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 [1] [अ] द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का लगता है।
मामले की तफ्सील के लिए काटजू ने चार सदस्य वाली समिति का गठन किया है जिसके संयोजक सोनदीप शंकर को बनाया गया है। कसूरी अमरनाथ, राजीव रंजन नाग और कृष्णा प्रसाद बाकी तीन सदस्य हैं। समिति उन पत्रकारों से बात करेगी जिनके साथ मारपीट की गई तथा जिनके कैमरे तोड़ दिए गए। साथ इस मामले पर अन्य संस्थानों, पुलिस तथा जनता की राय भी ली जाएगी। प्रेस परिषद के अध्यक्ष ने अपने संस्थान के हरियाणा और चंडीगढ़ स्थित शाखा को आदेश दिया है कि कार्य के दौरान समिति को पूरी तरह से सहयोग दिया जाए।
हरियाणा के हिसार के बरवाना में रामपाल का आश्रम है जहां उसकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस और रामपाल समर्थकों में झड़प हुई जिसमें तकरीबन 200 लाोगों के घायल हाे गए थे। इसमें बडी़ संख्या में पुलिसकर्मी भी थे। इसी दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज किया जिसमें कई पत्रकारों को चोटें आई तथा उनके कैमरे टूट गए।
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