अमेरिका में बच्चे को जन्म देने के बाद कैनेडियन मां को आया 9,50,000 का बिल
क बीमा कंपनी द्वारा अदा करने से इनकार, बिल नहीं देना चाहिए : वकील
सस्कैचवन के एक जोड़े को कैनेडा की ठंड से बचना बहुत महंगा पड़ रहा है। जैनीफर हुसूलैक-काईमल ने हवाई के एक अस्पताल में समय से 9 सप्ताह पहले बच्चे को जन्म दिया, जब दिसम्बर महीने में वह छ़ट्टियां मनाने गए थे। उसकी नवजात बच्ची को अस्पताल में दाखिल रहना पड़ा। जैनीफर ने बताया कि छुट्टियों से पहले दो दिनों में उसके जन्म की पीड़ा शुरू हो गई। जैनीफर ने 6 सप्ताह तक पीड़ा होती रही तथा उसकी बेटी रीस को इमरजैंसी के सी सैक्शन ने 10 दिसम्बर को जन्म दिलवाया।
रीस को दो महीने से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। हुसूलैक-काईमल ने सोचा कि उनकी बीमा कंपनी लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बिल अदा कर देगी।
अंत में बलू क्रॉस बीमा कंपनी ने क्लेम देने से मना कर दिया। बीमा कंपनी द्वारा भेजे गए एक नोटिस में बताया गया कि बीमा कंपनी आपके बच्चे के अस्पताल का बिल नहीं दे सकती। जैनीफर का बीमा 9 नवम्बर 2013 को पूरा हो चुका है।
परिवार को यह नहीं पता था कि अब आगे करना क्या है। परिवार का कहना है कि उन्होंने तो अपने द्वारा हर काम सही तरीके से किया था। उन्हें लगता था कि उन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी है। जैनीफर का कहना था कि वह छुट्टियों पर जाने से पहले अपने डाक्टर से आवश्यक सलाह-मशवरा करके गई थी। बीमा कंपनी के साथ भी बातचीत की गई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें तो यही लगता था कि वह बीमे के अंदर सुरक्षित हैं।
जोड़े का कहना है कि उन्होंने वापिस कैनेडा लौटने की भी हर संभव कोशिश की थी। दो एयर एम्बुलैंस के साथ भी संपर्क किया। इनमें से एक ने तो ऐसे हालातों में ले जाने से साफ इनकार कर दिया तथा दूसरे का कहना था कि मैडीकल स्टाफ के बिना तो वह उड़ान नहीं भरेगी।
परिवार अभी यही पता लगाने में जुटा हुआ है कि इतने बड़े बिल का आखिर कारण क्या है। बी.सी. के एक वकील का कहना है कि काईमल परिवार को यह बिल नहीं देना चाहिए। वकील का दावा है कि वह ऐसे केस लड़ चुका है तथा केस पर पूरी रोशनी तो वह केस पढऩे के बाद ही डाल सकेंगे, पर 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बिल परिवार को नहीं देना चाहिए।
सोशन मीडिया पर परिवार को ऐसी सलाह मिली है कि इससे निपटने के लिए वकील की मदद ली जानी चाहिए। अधिकतर लोगों का कहना है कि बीमा कंपनी इससे भाग रही है, जो गलत है। परिवारा का भी कहना है कि उन्होंने बीमा कंपनी के एजेंट के सवालों के सभी जवाब दिए हैं जो उन्होंने पूछे थे। जब 32 सप्ताह के गर्भवती होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने ना कर दी, क्योंकि उस समय वह मात्र 24 सप्ताह की गर्भवती थी। वकील का कहना है कि स्थिति से निपटने के लिए इसके अलावा कुछ भी नहीं किया जा सकता था।
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