चीन का हिंद महासागर में नौसैनिक अड्डे बनाने से इनकार
बीजिंग। चीनी सेना ने कोलंबो बंदरगाह पर अपनी पनडुब्बी लगाने को सामान्य गतिविधि का हिस्सा बताया है। चीन ने उन खबरों को पूरी तरह से निराधार करार देते हुए खारिज कर दिया कि वह पश्चिमी एवं दक्षिणी हिंद महासागर में श्रीलंका, पाकिस्तान, म्यांमार और कई अन्य स्थानों पर 18 नौसैनिक अड्डे स्थापित कर रहा है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग यानशेंग ने कहा कि यह खबर सही नहीं है। हाल ही नामीबिया के एक अखबार में एक चीनी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया था कि श्रीलंका सहित कई स्थानों पर चीन 18 नौसैनिक अड्डे स्थापित करने की योजना बना रहा है।
गेंग ने कहा कि चाइना पीपुल्स लिबरेशन नेवी की पनडुब्बी अदन की खाड़ी में समुद्री लूट रोधी एक बचाव मिशन के दौरान दो बार कोलंबो बंदरगाह पर पहुंची। रिपोर्ट के बारे में गेंग ने बताया, ‘हमने इस मामले में जांच की और पाया कि यह रिपोर्ट दो साल पहले इंटरनेट पर आई एक अनाधिकृत टिप्पणी पर आधारित है। इसमें तथ्यों को तोड़-मरोड़कर छापा गया है।’ इस सवाल पर कि किन परिस्थितियों में चीनी सेना विदेशों में अपने अड्डे बना सकती है, उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसी बाहरी देश में चीनी सैन्य अड्डा नहीं है।
भारत के लिए चिंता की बात
चीनी पनडुब्बी का श्रीलंकाई बंदरगाह पर लगना भारत के लिए चिंताजनक मामला है क्योंकि कोलंबो बंदरगाह के जीर्णोद्धार में चीन का बड़ा निवेश रहा है। वहां चीन हंबनथोटा में एक अन्य बंदरगाह भी बना रहा है। रिपोर्टो के अनुसार भारत ने इस मुद्दे को श्रीलंका के समक्ष भी उठाया है।
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