मंत्रालयों और विभागों को निजी ई-मेल सेवा बंद करने का निर्देश
नई दिल्ली। सरकार ने केंद्र और राज्य के सभी विभागों और मंत्रालयों को सरकारी कामकाज में नेशनल इंर्फोमेटिक्स सेंटर [एनआईसी] के सरकारी ई-मेल का ही इस्तेमाल करने को कहा है। साथ ही निजी ई-मेल सेवाओं का इस्तेमाल करने से रोका है ताकि वर्गीकृत सूचनाओं का दुरुपयोग या उनका लीक होना रोका जा सके।
हाल ही में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाले सीईआरटी ने सभी सरकारी महकमों को एक सर्कुलर जारी किया। इसमें कहा गया है कि देशी ई-मेल सेवा और भारत में निर्मित ई-मेल संचार प्रणालियों का ही इस्तेमाल किया जाए। ऐसा माना जा रहा है कि निजी ई-मेल सेवा के सेवा प्रदाताओं के सर्वर भारत के बाहर से संचालित हैं। इसलिए सरकारी कामकाज में वर्गीकृत सूचनाओं और अहम सरकारी जानकारियों का बाहर दुरुपयोग होने या उनके लीक होने का खतरा रहता है।
सर्कुलर के मुताबिक ऐसा देखा गया है कि बहुत से मंत्रालयों और विभागों में निजी ई-मेल सेवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। केंद्र और राज्यों के अफसर सरकारी कामकाज के लिए भी निजी ई-मेल सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे सारी आधिकारिक सूचनाएं विदेश तक पहुंच रही हैं। ये सभी जानकारियां नासिर्फ सरकारी हैं बल्कि ये भारतीय जनता का व्यापक लेखा-जोखा भी है। ये सभी आंकड़े और दस्तावेज भारत के बाहर विदेशी सेवा प्रदात्ताओं तक पहुंच ही नहीं रहे बल्कि इन जानकारियों पर उनका पूरा नियंत्रण रहता है।
पिछले महीने जारी सर्कुलर में कहा गया है कि डाटा खोने या सुरक्षा को खतरे संबंधी कोई भी घटना होने पर इन सेवा प्रदाताओं से जानकारियां हासिल करना बहुत कठिन हो जाता है। इस सर्कुलर को पब्लिक रिकार्ड एक्ट, 1993 की धारा-4 के तहत जारी किया गया है। इस धारा के तहत भारतीय जनता से जुड़ी जानकारी देश के बाहर ले जाना निषिद्ध है।
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