जेल में ही रहेगा लश्कर-ए-झांगवी का मुखिया

इस्लामाबाद। श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हमले का आरोपी लश्कर-ए-झांगवी का मुखिया मलिक इशाक अभी सलाखों के पीछे ही रहेगा। पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने उसे हत्या और आतंकवाद के एक मामले में दो सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।

इशाक पर 2009 में श्रीलंका क्रिकेट टीम पर हमला और अल्पसंख्यक शिया समुदाय पर हमले सहित 40 संगीन मामले दर्ज हैं। लोक व्यवस्था कानून के तहत तीन साल से जेल में बंद इशाक को सोमवार को तीन सदस्यीय आयोग ने रिहा करने का आदेश दिया था। वह गुरुवार को वह जेल से बाहर आने वाला था।

लेकिन, वह बाहर निकलता इससे पहले ही उसे बुधवार को मुल्तान में विशेष मजिस्ट्रेट गुलाम मुज्तबा बलोच की अदालत में पेश किया गया। पंजाब प्रांत के रहिम यार खान जिले में हत्या और आतंकवाद फैलाने के मामले में अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

 

तीखी आलोचना

इशाक की रिहाई के आदेश के बाद पाकिस्तान में अल्पसंख्यक शिया समुदाय ने नवाज शरीफ सरकार की तीखी आलोचना की थी। बाद में गुप्तचर विभाग द्वारा सरकार को दी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि इशाक की रिहाई से देश में शियाओं की हत्या का नया दौर शुरू हो सकता है।

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