एन.डी.पी. व लिबरल ने उठाए आगामी चुनावों के लिए झंडे
बेशक कंजरवेटिव सरकार व प्रधान मंत्री स्टीवन हार्पर स्वयं कई बार दोहरा चुक हैं कि चुनाव अक्तूबर में होंगे, पर फिर भी लिबरल व एन.डी.पी. पार्टी ने निर्धारित समय से पहले चुनाव होने की स्थिति में तैयारियां आरंभ कर दी हैं।
प्रधान मंत्री स्टीफन हार्पर का कहना है कि 19 अक्तूबर से पहले चुनाव करवाने का उनका कोई इरादा नहीं है। चुनाव की पक्की तिथि 2007 में एक बिल में लाई गई थी कि चुनाव अक्तूबर के तीसरे सप्ताह के सोमवार को हर चार साल बाद करवाए जाएंगे।
हार्पर के प्रवक्ता जेसर मैकडोनलड का कहना है कि प्रधान मंत्री अक्तूबर 19, 2015 को चुनाव करवाने का संकेत कर चुके हैं। दिसम्बर 27 को साल का आखिरी फंड रेजिंग ईमेल में भी लिखा गया है कि चुनाव में 295 दिन बाकी रह गए हैं।
इसके बावजूद भी दोनों विरोधी पार्टियों एन.डी.पी. व लिबरल ने चुनावों की तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं तथा क हा है कि कंजरवेटिव सपरिंग ऋतु का लाभ भी उठा सकते हैं तथा पहले चुनाव करवा सकते हैं। इसलिए हमें तैयार रहना चाहिए।
लिबरल की वैबसाईट पर 182 उम्मीदवारों की नामजदगी दिखाई देती है। प्रवक्ता का कहना है कि उम्मीदवारों के दो ट्रेनिंग सैशन भी लग चुके हैं। प्रवक्ता का कहना है कि हमें चुनावों के लिए तैयार रहना चाहिए। फिर जब चुनाव होंगे होती रहें।
एन.डी.पी. ने कम्पेन के लिए कर्ज देने के लिए सौदेबाजी भी शुरू कर दी है। 28 दिसम्बर साल की आखिरी फंड रेजिंग ईमेल में पार्टी ने कहा है कि हार्पर आगामी चुनावों का विगुल बजाते हैं तथा फंड रेजिंग के लिए यह हमारा आखिरी प्रयास होगा। एन.डी.पी. के राष्ट्रीय डायरैक्टर एन. मैकगार्थ का कहना है कि हम कंजरवेटिव के मुंह की ओर देखते नहीं रह सकते। हमें आगामी चुनावों के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कंजरवेटिवों ने 2006 से 2008 में भी निश्चिम समय से पहले चुनाव करवा दी थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि कंजरवेटिवों द्वारा नामजद किए गए सैनेटर माईक डफी पर फंडों के गलत प्रयोग के लगे आरोपों की अदालती सुनवाई अप्रैल में शुरू हो रही है। इसके चलते कंजरवेटिव पहले चुनाव करवाने के लिए सोच सकते हैं।
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