केजरीवाल की मंच पर फिसली जुबान, और कुछ ऐसा कह दिया…

नई दिल्ली  । राजनीति में स्वच्छता की बात करने वाले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का अंदाज रविवार को बदला नजर आया। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस व भाजपा को घेरने वाले केजरीवाल ने उत्तमनगर स्थित मोहन गार्डन में आयोजित जनसभा मे खुलेआम कहा कि कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशियों की ओर से मिलने वाले पैसे को वे चुपचाप रख लें, लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को ही दें। वे इतने पर भी चुप नहीं हुए।
उन्होंने यहां तक कह डाला कि यदि भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी पैसे न दें तो उनके कार्यालय जाकर मांगें। उनकी इस बात पर कई लोगों ने जहां जमकर तालियां बजाईं, वहीं कई लोग दबी जुबां में यह कहते नजर आए कि क्या राजनीतिक दलों से वोट के नाम पर पैसे लेना भ्रष्टाचार नहीं है? उधर, कांग्रेस ने इस मामले में केजरीवाल की चुनाव आयोग से शिकायत की है।
केजरीवाल ने किरण बेदी के भाजपा में शामिल होने पर भी चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा ने किरण बेदी को पार्टी में शामिल करने का फैसला पूरी तरह सोच समझकर लिया है। आप के बढ़ रहे जनाधार से भाजपा घबराई हुई है। हार के डर से ही भाजपा ने उन्हें अपनी पार्टी से जोड़ लिया है। बाद में विधानसभा चुनाव में मिलने वाली हार का ठीकरा किरण बेदी के सिर पर फोड़ने की तैयारी भाजपा ने कर रखी है। हर बार और हर जगह की तरह केजरीवाल ने लोगों को यहां भी अपने 49 दिनों की सरकार की खूब याद दिलाई।
अपने परंपरागत अंदाज में महंगाई, भ्रष्टाचार व काला धन जैसे मुद्दों पर भाजपा को जमकर कोसा। कहा कि निजी बिजली कंपनियों के साथ भाजपा के नेताओं की साठगांठ है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कंपनी निजी बिजली कंपनी को मीटरों की आपूर्ति करती थी।
इस्तीफे को फिर बताया बड़ी भूल
मुख्यमंत्री पद से दिए इस्तीफे को एक बार फिर बड़ी भूल बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि राजनीति का पहला सबक सीख लिया है। अब कुछ भी हो जाए इस्तीफा नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि इस्तीफे को लेकर लोग उन्हें हमेशा घेरते हैं। इस्तीफा देकर मैंने कोई गुनाह नहीं किया। हां, यह गलती जरूर थी।

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