भारत-अमेरिका के बीच रिश्तों को चीन ने बताया सतही

नई दिल्ली। भारत के 66वें गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रमुख अतिथि के तौर पर भारत आए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को लेकर पर चीन और पाकिस्तान में बेचैनी का आलम है। पाकिस्तान और चीन की मीडिया ने दोनों देशों के मजबूत होते रिश्तों को सतही करार दिया है। इसके अलावा ओबामा और मोदी के बीच विभिन्न मुद़दों पर वैचारिक मतभेद होने को भी चीन ने एक मुद़दा बनाया है।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक ये एक सतही मेल-मिलाप है जिसे एक सौदे की तरह देखा जाना चाहिए क्योंकि ओबामा को भारत की ज़रूरत है ताकि अमरीकी राजनीति में वे अपनी उपलब्धियां गिना सकें। एजेंसी के मुताबिक दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों के बीच मतभेद अधिक है जिस वजह से ओबामा के लिए भारत को दोस्त बनाना अमेरिका के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा।
चीन की मीडिया के मुताबिक ओबामा के गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि बनने के पीछे अमेरिका का मकसद भारत को चीन के खिलाफ इस्तेमाल करना है। चीनी मीडिया में छपे एक लेख में भारत और चीन को पश्चिमी झांसे में न आने की हिदायत भी दी गई है। चीन के प्रमुख अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में लिखा है कि नई दिल्ली में भारत के प्रधानमंत्री और अमरीकी राष्ट्रपति के एक दूसरे को गले मिलने की घटना को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने के पीछे मीडिया की वही पुरानी घिसी-पिटी मानसिकता है।

 

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