नीतीश ने माना इस्‍तीफा देना बड़ी भूल, जनता से मांगेंगे माफी

नई दिल्ली। बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह स्वीकार किया है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ना भारी भूल थी और वे जनता से माफी मांगने को तैयार हैं। एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए साक्षात्कार में नीतीश ने स्वीकार किया कि सीएम की कुर्सी छोड़कर अपनी जगह जीतनराम मांझी को लाना उनकी भूल थी।
उन्होंने कहा कि ‘जीतन राम मांझी हमारी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। अपना काम करने की जगह वो अपना पर्सनल एजेंडा फॉलो करने लगे। मांझी के विवादित बयानों की बजह से पार्टी को शर्मिन्दगी झेलनी पड़ी। इससे यह जल्दी ही पता लग गया कि वो भाजपा के इशारों पर काम कर रहे हैं और अगर उन्हें पार्टी से नहीं निकाला गया तो पार्टी की छवि को नुकसान होगा।’
नीतीश ने कहा, ‘जिस तरह से मांझी ने कुर्सी संभालते ही अपना काम शुरु किया, उससे जल्द ही खतरे की घंटी सुनाई देने लगी। मैं इसे नजरअंदाज करता रहा कि वो संभल जाएंगे। मुझे लगता है कि बिहार के लोग इसके लिए मुझे दोषी ठहरा रहे होंगे कि मैंने उनके उपर ऐसा मुख्यमंत्री थोप दिया। मुझे लगता है कि मैंने मुख्यमंत्री का पद छोड़कर गलती की थी। मैं जनता से इसके लिए मांफी मांगने को तैयार हूं। भविष्य के लिए मुझे सीख मिली है कि इस प्रकार से मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ना चाहिए।’
बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने हाल ही में बयान दिया था कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर नीतीश कुमार ने भारी गलती है। इस पर नीतीश कुमार ने कहा, ‘मैं किसी बहस में नहीं पड़ना चाहता हूं। जनता को ही फैसला करने दीजिए कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा है। मैंने क्या किया और मांझी ने क्या किया यह जनता के सामने हैं।’
यह पूछे जाने पर भाजपा इसे मांझी खेमा और नीतीश खेमा के बीच सत्ता को लेकर लड़ाई बता रही है। नीतीश ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार बिहार में राजनीति कर रही है। यहां के राजनीतिक संकट का भाजपा फायदा उठाने की कोशिश में है। हमने 9 फरवरी को ही राज्यपाल से मिलकर कहा था कि वे सदन में मांझी सरकार को बहुमत साबित करने को कहे, लेकिन जानबूझकर मामले को लंबा खिंचा जा रहा है और अपरोक्ष रुप से मांझी सरकार की मदद की जा रही है।

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