सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय से पूछा, कैसे जुटाओगे तीस हजार करोड़!

नई दिल्ली। सहारा समूह के सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जब सहारा समूह दस हजार करोड़ रुपये नहीं जुटा पा रहा है, तो फिर तीस हजार करोड़ रुपये का इंतजाम कैसे होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च, 2014 से तिहाड़ जेल में बंद सुब्रत राय की रिहाई के लिये दस हजार करोड़ रुपए जमा कराने की शर्त रखी थी।

सुब्रत राय ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि उनको जेल में मिलने वाली सुविधाओं को कुछ समय के लिए ओर बढ़ा दिया जाए। सुब्रत राय का कहना है कि उन्हें अभी दस हजार करोड़ रुपये का इंतजाम करने के लिए जेल में मिलने वाली विशेष सुविधाएं छह सप्ताह तक और दी जाएं।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को फटकार लगाते हुए पूछा है कि जब आप दस हजार करोड़ रुपये का इंतजाम अभी तक नहीं कर पाए हैं, तो जेल से छूटने के बाद तीस हजार करोड़ रुपये कैसे जुटाएंगे। हालांकि साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप से कहा है कि वह छह सप्ताह तक विशेष सुविधाएं पाने की मांग एक आवेदन पत्र के द्वारा करे।

इससे पहले सहारा मामले में सुब्रत राय की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। इस मामले में शुक्रवार को उस वक्त एक नया मोड़ आ गया जब भारतीय रिजर्व बैंक ने सेबी के साथ खुद को एक पक्षकार बनाने का सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया। रिजर्व बैंक ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय की रिहाई के लिये समूह की कंपनियों में से एक को अपनी संपत्ति बेचने पर रोक लगाने की अपील की।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च, 2014 से तिहाड़ जेल में बंद सुब्रत राय की रिहाई के लिये दस हजार करोड़ रुपए जमा कराने की शर्त रखी थी। रिजर्व बैंक ने यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि यदि मेसर्स सहारा इंडिया फाइनेन्शियल कार्पोरेशन लिमिटेड की संपत्ति से सहारा इंडिया या समूह की किसी अन्य कंपनी के लिये सेबी-सहारा रिफन्ड खाते या सहारा इंडिया की भागीदारी फर्म में कोई राशि जमा करायी गयी है तो उसे किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के स्क्रो खाते में रखा जाये।

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