अर्थ डे पर बोले ओबामा, ‘अगली पीढ़ी के लिए नहीं छोड़ सकते जलवायु परिवर्तन’
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत बताई है। राष्ट्रपति ने इसे ऐसी समस्या करार दिया जिससे निपटने की जिम्मेदारी आने वाली पीढ़ी पर नहीं छोड़ी जा सकता है। पृथ्वी दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में ओबामा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से अब इंकार नहीं किया जा सकता। राष्ट्रपति के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पार्क के छह लाख हेक्टेयर जमीन को खतरा उत्पन्न हो गया है। इससे न केवल अरबों डॉलर का पर्यटन उद्योग प्रभावित हो सकता है बल्कि इस पर निर्भर समुदायों के लिए भी संकट पैदा हो जाएगा। जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए ओबामा ने संसद से नए पर्यावरण कोष बनाने को मंजूरी देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन का हमारे जीवन-यापन के तरीके पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है। इसके कारण हमें भयानक तूफान, गंभीर सूखा और लंबे समय तक जंगल की आग जैसी आपदाओं से जूझना पड़ रहा है।’ उन्होंने बताया कि पेंटागन (अमेरिका का रक्षा विभाग) भी जलवायु परिवर्तन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मान चुका है। सतत विकास के लिए तकनीक का विकास जरूरी पर्यावरण प्रदूषण की वजह से मौसम में तेजी से आ रहे बदलावों के बीच सतत विकास की प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए भारत ने तकनीक के विकास पर जोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक कुमार मुखर्जी ने कहा कि तकनीक को अन्य देशों से साझा करने में बौद्धिक संपदा अधिकार (आइपीआर) को बाधा नहीं बनना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए।
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