बिहार में लालू और नीतीश कुमार मिलकर लड़ सकते हैं चुनाव
नई दिल्ली। बिहार चुनाव से पहले जनता परिवार का विलय नहीं होगा लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि राजद और जदयू गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ेंगे। जय यू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह ने इसबात की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि इस बार बिहार में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और कृषि के क्षेत्र में जितना काम हुआ है, उससे बिहार की तस्वीर बदल गई है। उधर कांग्रेस पार्टी नीतीश कुमार को समर्थन देने के पक्ष में है। वह मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश को पेश करने के पक्ष में है। हालांकि, यह सब राजद- जद यू गठबंधन की संभावना पर निर्भर करेगा। राज्य के कांग्रेस नेताओं ने एक अंग्रेसी समाचार पत्र से कहा कि हमें विश्वास है कि राजद और जद यू विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन करेंगे। लेकिन अगर गठबंधन नहीं होता है, तो कांग्रेस इस बार नीतीश कुमार के साथ जा सकती है।
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि राज्य कांग्रेस के प्रमुख अशोक चौधरी ने शनिवार को नई दिल्ली में पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी से मुलाकात कर उन्हें बिहार में जमीनी हकीकत की जानकारी दी थी। सूत्रों के मुताबिक, ‘चौधरी ने राहुल को सुझाव दिया है कि अगर राजद- जदयू का गठबंधन नहीं होता तो कांग्रेस को नीतीश के साथ जाना चाहिए। पार्टी हाई कमान से मिल रहे संकेतों से पता चल रहा है कि कांग्रेस इस बार जेडीयू को प्रायॉरिटी देगी।’ जेडीयू के साथ जाने के पीछे पार्टी का तर्क है कि सीएम के रूप में नीतीश कुमार ने बेहतर काम किया है।
इन दोनों दलों का गठबंधन न होने पर भाजपा को भी बिहार में अपने लिए अच्छी संभावनाएं नजर आ रही हैं। राज्य में सितंबर-अक्टूबर में चुनाव हो सकता है। उधर, राजद प्रमुख लालू प्रसाद नीतीश को विधानसभा चुनाव के लिए एक साझा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से हिचकिचा रहे हैं। इसके अलावा राजद 243 सदस्यों वाली विधानसभा में 140 सीटों पर अपना दावा पेश कर रही है, जो जदयू को स्वीकार नहीं है।
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