तुर्की में एक दशक बाद संसदीय चुनाव
इस्तांबुल। तुर्की में दशक भर से ज्यादा समय बाद हो रहे संसदीय चुनाव के लिए रविवार को वोट डाले गए। चुनाव नतीजों से राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगान को ज्यादा शक्तियां मिलने या 13 सालों से एकल पार्टी के शासन के खत्म होने का रास्ता प्रशस्त हो सकता है। एर्दोगान देश में राष्ट्रपति शासन प्रणाली लाना चाहते हैं और इसके लिए बहुमत की जरूरत है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, दक्षिण पूर्व में कुर्दो के मजबूत गढ़ समेत पूरे तुर्की में 5.4 करोड़ मतदाताओं के लिए स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे मतदान केंद्रों को खोला गया। वर्ष 2002 से सत्ता पर काबिज एके पार्टी (एकेपी) को दोबारा सबसे बड़ा दल बनने का भरोसा है, लेकिन उसके बहुमत हासिल करने की राह में कुर्द समर्थित विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचडीपी) से चुनौती मिल रही है, क्योंकि वह राजनीतिक दल के रूप में पहली बार संसद में प्रवेश करने का प्रयास कर रही है। पूर्वोत्तर प्रांत अर्दहन में शनिवार को एक रैली में एर्दोगान ने अपनी अपनी शक्तियों को बढ़ाने के लिए एकेपी को जिताने की अपील की थी।
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