पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा में मोदी के खिलाफ प्रस्ताव
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया। 1971 के युद्ध को लेकर मोदी के बयान पर यह प्रस्ताव विधानसभा में विपक्ष के नेता महमूदूर रशीद ने पेश किया। इसमें सरकार से तत्काल सर्वदलीय सम्मेलन बुलाने और मोदी के बयान के मद्देनजर अपनी कार्रवाई की घोषणा करने की मांग की गई है।
इससे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने संसद में कहा कि मोदी ने नफरत फैलाने के मकसद से बांग्लादेश में यह बयान दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे कड़ाई से संज्ञान में लिया है।
भारत पर पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाया। साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से भी इस पर संज्ञान की गुहार लगाई। वहीं, संसद के उच्च सदन सीनेट के अध्यक्ष मियां रजा रब्बानी ने मोदी के बयान की निंदा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच मतभेद पैदा करने में भारत सफल नहीं हो पाएगा।
क्या कहा था मोदी ने?
रविवार को ढाका यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने बांग्लादेश की आजादी में भारत की भूमिका का उल्लेख किया था। पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों के लिए चेताते हुए उन्होंने कहा था कि 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान के 90,000 युद्धबंदी भारत की कैद में थे। यदि हमारी सोच द्वेषपूर्ण होती तो हमें नहीं पता कि तब हम क्या फैसला लेते।
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