महेंद्र कर्मा की हत्या कर शव पर चढ़कर नाचे नक्सली
रायपुर : नक्सलियों के खिलाफ अभियान सलमा जुडूम के संचालक कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा को नक्सली लंबे समय से निशाना बनाने की फिराक में थे। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में बीते दिनों नक्सली हमले के दौरान मौजूद कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा नक्सलियों के निशाने पर थे। कांग्रेस रैली पर हमले के दौरान नक्सलियों ने कर्मा को करीब 100 गोलियां मारी। इसके बाद नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा के शव पर चढ़कर डांस करके अपनी खुशी का इजहार किया। रैली में शामिल एक नेता ने बताया कि नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा को वाहनों के काफिले में काफी देर तक तलाश किया। कर्मा की हत्या करने के बाद नक्सलियों ने खूब नाच गाना किया।
बताया जा रहा है कि नक्सलियों से घिरने के बाद कर्मा ने बाद में गाड़ी से निकलकर खुद ही सरेंडर कर दिया था। उसके बाद नक्सलियों ने ताबड़तोड़ उन पर गोलियां बरसा दी। कर्मा के सिर पर पर बंदूक से कई बार प्रहार किया गया।
बस्तर जिले के दरभा क्षेत्र में शनिवार शाम कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर नक्सली हमले के दौरान मौजूद कांग्रेस के नेता दौलत रोहरा के मुताबिक वह पूर्व केद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के साथ वाहन में सवार थे। उनके साथ शुक्ल के सुरक्षाकर्मी प्रफुल्ल शर्मा भी मौजूद थे। जब वे शाम लगभग चार बजे घटनास्थल पर पहुंचे तब नक्सली पहाड़ी के ऊपर से गोलीबारी कर रहे थे। गोलीबारी के बीच स्वयं को फंसा हुआ पाने के बाद विद्याचरण शुक्ल ने चालक और रोहरा को नीचे झुककर शांत पड़े रहने की हिदायत दी। तब तक सुरक्षाकर्मी वाहन के नीचे चला गया था।
रोहरा ने बताया कि गोलीबारी के दौरान शुक्ल को चार गोलियां लग गई और वे घायल हो गए। बाद में जब गोलीबारी शांत हुई तब नक्सली वाहनों के काफिले के पास पहुंचे और आपस में नंद कुमार पटेल और महेंद्र कर्मा को बाहर निकालने की बात कह रहे थे। उन्होंने बताया कि नक्सली जब करीब पहुंचे तब तक पूर्व विधायक उदय मुदलियार तथा अन्य कार्यकार्ताओं की गोली लगने से मौत हो गई थी। जबकि काफी संख्या में लोग घायल हुए थे।
नक्सलियों ने सभी को बाहर निकाला और शुक्ल को घायल हालत में वाहन से नीचे उतार दिया था। रोहरा ने बताया कि इसके बाद नक्सलियों ने सभी को अलग अलग दलों में बांट दिया तथा अपने साथ नंद कुमार पटेल, दिनेश पटेल और कवासी लखमा को ले गए। हांलकि बाद में उन्होंने कवासी लखमा को छोड़ दिया। कांग्रेस नेता ने बताया कि इसी दौरान कुछ नक्सली महेंद्र कर्मा के पास गए और लोगों से उनके बेटे के बारे में भी पूछताछ की। कर्मा का बेटा वहां नहीं मिला तब नक्सलियों ने कर्मा को कुछ दूरी पर ले जाकर उनके ऊपर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। बाद में कार्यकर्ताओं को कर्मा का शव दिखाकर पूछा कि इन्हें जानते हो।
रोहरा ने बताया कि उन्हें लगा कि नक्सलियों ने कवासी लखमा की तरह पटेल और उनके बेटे को रिहा कर दिया है। लेकिन समाचार माध्यमों से उन्हें दोनों की हत्या किए जाने की सूचना मिली। इधर घटना को अंजाम देने और नारेबाजी करने के बाद नक्सली वहां से रवाना हो गए। कांग्रेस नेता ने बताया कि इस दौरान एक घटना हुई जो दिल को दहला देने वाली थी। शुक्ल का सुरक्षा कर्मी प्रफुल्ल शर्मा वाहन के नीचे था। गोलीबारी में जब वाहन का टायर पंचर हुआ तब शर्मा नीचे दब गया। बाद में उन्होंने शर्मा का शव देखा। नक्सलियों ने शर्मा का दायां हाथ काट लिया था।
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में मिल्रिटी कंपनी के नक्सली शामिल थे और वे घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए। मृतकों में नंद कुमार पटेल, महेंद्र कर्मा और उदय मुदलियार समेत 11 कांग्रेस कार्यकर्ता, आठ पुलिस कर्मी और दो ग्रामीण शामिल हैं जबकि अन्य की पहचान नहीं हो पाई है। नक्सलियों ने इस दौरान एक ट्रक को भी निशाना बनाया था जिसमें सवार तीन लोगों की हत्या कर दी।
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