विकास निधि खर्च में गांधी परिवार फिसड्डी
बरेली-देश की राजनीति में सबसे ज्यादा रसूखदार गांधी खानदान विकास कार्यो में सबसे फिसड्डी साबित हो रहा है। अकेला गांधी परिवार ही नहीं बल्कि सूबे से नामचीन नेता पिछले चार साल में मिली विकास निधि की आधी भी रकम खर्च नहीं कर पाए। राजनीति के अखाड़े में आए दिन ताल ठोकने वाले नामचीन नेता सूबे की बदहाली के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार निकले। अपनी राजनीति चमकाने की व्यस्तता में ये जन सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए मिली सांसद निधि खर्च करना ही भूल गए।
हालात ये हैं कि राष्ट्रीय राजनीति में छाए रहने वाले सूबे से प्रमुख बीस नेताओं की आधी से ज्यादा सांसद निधि खातों में पड़ी धूल फांक रही है। पंद्रहवीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के हिस्से में 982 करोड़ रुपये की विकास निधि आई, जिसमें से सिर्फ 609.11 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके।
पशु प्रेम के लिए विख्यात आंवला की सांसद और गांधी खानदान की छोटी बहू मेनका गांधी सूबे की सबसे कंजूस सांसद साबित हुई हैं। चार साल में उन्हें 11.56 करोड़ रुपये की विकास निधि जारी की गई, जिसमें से वे 4.18 करोड़ रुपये ही खर्च कर सकीं। 7.49 करोड़ रुपये अभी भी उनके खाते में धूल फांक रहे हैं। उनके बेटे और भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी विकास निधि खर्च न करने वाले नेताओं की सूची में तीसरे स्थान पर रहे।
उनके खाते में अभी भी 7.31 करोड़ रुपये की विकास निधि बची है। कांग्रेस के युवराज और अमेठी सांसद राहुल गांधी भी अपनी चाची और भाई से कमतर साबित नहीं हुए। कंजूसी के मामले में उनका सूबे के सांसदों में चौथा स्थान रहा। उन्हें भी 11.56 करोड़ रुपये की निधि मिली, जिसमें से सिर्फ 4.39 करोड़ रुपये ही खर्च कर सके। चुनावी साल होने के बावजूद अभी भी उनके खाते में 7.17 करोड़ रुपये जनता के दरबार में जाने की बाट जोह रहे हैं।
प्रधानमंत्री की कुर्सी ठुकराकर अपने चहेतों की नजरों में राजमाता का दर्जा हासिल करने वाली सोनिया गांधी ने पूरे खानदान में सबसे ज्यादा खर्च किया। 11.56 करोड़ की विकास निधि में से उन्होंने 7.10 करोड़ खर्च किए। फिलहाल 4.46 करोड़ रुपये ही उनके खाते में बचे हैं।
मुलायम ने बहू डिंपल को पछाड़ा: विकास निधि खर्च के मामले में सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज की सांसद डिंपल यादव अपने ससुर मुलायम सिंह यादव के आगे फिसड्डी साबित हुईं। बीते चार साल में मुलायम सिंह को 14.06 करोड़ रुपये की निधि जारी की गई, जिसमें से 9.29 करोड़ रुपये उन्होंने खर्च कर दिए। वहीं बहू डिंपल यादव आधी सांसद निधि भी खर्च न कर सकीं।
उन्हें 11.56 करोड़ की निधि जारी हुई, जिसमें से 5.85 करोड़ रुपये ही खर्च कर सकीं। भाभी से बेहतर हालत देवर और बदायूं के सांसद धर्मेद्र यादव की रही, 11.56 करोड़ में 6.49 करोड़ रुपये विकास कार्यो पर खर्च किए।
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