किचन के ‘सिरकेÓ से पता चलेगा कैंसर है या नहीं

किचन में इस्तेमाल होने वाले सिरके का और क्या उपयोग सकता है। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने मुंबई के उपनगरीय इलाकों में रहने वाली महिलाओं के ऊपर सर्वाइकल कैंसर के महंगे टेस्ट पेप स्मियर के बदले सिरका टेस्ट करके इस कैंसर का पता लगाया। और इस सस्ते टेस्ट से 1.5 लाख महिलाओं के ग्रुप में कैंसर से होने वाली मौतों में 31 फीसदी की कमी आई।
सर्वाइकल कैंसर, कैंसर से महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा विलेन। पर्याप्त जानकारी नहीं होने और समय पर इसका पता नहीं चलने से कई महिलाओं की मौत हो जाती है। फिलहाल सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने में भी बहुत खर्च आता है। लेकिन इसका सस्ता विकल्प भी मौजूद है।
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने मुंबई की 1.5 लाख महिलाओं को दो ग्रुप में बांटकर एक प्रयोग किया इसमें एक ग्रुप पर सिरका टेस्ट किया गया। इस टेस्ट में सिरके की मदद से आसानी से सर्वाइकल कैंसर का पता लग सकता है। हॉस्पिटल के मुताबिक ये टेस्ट पेप स्मियर से करीब 12 गुना सस्ता है और इसमें परिणाम भी काफी सटीक हैं।
इस सिरका टेस्ट के लिए स्पेश्लाइड लेबोरेटरी की जरूरत नहीं है। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के लिए ये टेस्ट दसवीं पास हेल्थ वर्करों ने मुंबई के अंधेरी, मलाड, बोरीवली और कांदिवली जैसे 20 इलाकों में किया। इन हेल्थ वर्करों को 1 महीने की ट्रेनिंग दी गई थी। टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई महिलाओं का हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज भी किया गया।
हालांकि सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए सिरका टेस्ट नई बात नहीं हैं लेकिन टाटा मेमोरियल हॉस्प्टिल ने अपनी स्टडी में ये दिखाया है कि अगर इस सस्ते टेस्ट को सही तरीके से लागू किया जाए तो सालाना देश में 22,000 महिलाओं को और पूरे विश्व में 72,000 महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाया जा सकता है। महाराष्ट्र सरकार हेल्थ वर्करों को ट्रेनिंग देकर इसे पूरे प्रदेश में लागू करेगी।

 

 

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