वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बोर्ड के अध्यक्ष से इस्तीफा मांगा
मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन मेयर अध्यक्ष के बचाव में उतरे, और कहा कि बदलाव की चाह वाले अमरीक अहलूवालिया को कहीं भी जाने की आवश्यकता नहीं
टोरंटो। पील प्रांत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अपने बोर्ड अध्यक्ष अमरीक अहलूवालिया के इस्तीफे पर अड़ गए हैं, वे चाहते हैं कि उनकी संस्था का प्रबंध करने वाले व्यक्ति को अपना पद छोड़ देना चाहिए, उन्होंने अहलूवालिया पर अपमान करने का आरोप भी लगाया।
टोरस्टार न्यूज सर्विस को लिखे एक पत्र में पील पुलिस वरिष्ठ अधिकारी संस्था ने यह बाते कहीं जिसपर उच्च स्तरीय के इन्सपेक्टर और अधीक्षक कर्मचारियों के साथ साथ कुुछ स्थानीय प्रबंधकों के भी हस्ताक्षर थे, जिसमें सभी ने बोर्ड अध्यक्ष के बदलाव की बात कहीं हैं।
उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा कि हमारे अध्यक्ष द्वारा मुखिया (जैनीफर) ईवानस और इस संस्था के प्रति अपमानित वाक्य और अपशब्द कहे जाने पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, यह पत्र सभी सदस्यों को भेजा गया हैं।
संस्था के निम्न स्तर के कर्मचारियों का भी यहीं मत हैं कि अध्यक्ष के इस दुर्व्यवहार के कारण उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। इस पत्र पर वरिष्ठ अधिकारी एसोसिएशन के अध्यक्ष रैन्डी पैटरीक के भी हस्ताक्षर हैं, जिन्होंने अहलूवालिया से उनकी टिप्पणी का कोई भी कारण नहीं पूछा हैं, और न ही किसी प्रकार का स्पष्टीकरण मांगा हैं।
अहलूवालिया का कहना हैं कि पुलिस बोर्ड के दो सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों का समर्थन उन्हें प्राप्त हैं, और वे चाहते हैं कि मैं इसी प्रकार अपना काम करता रहूं कहीं और न जाऊं।
मिसिसॉगा के मेयर और बोर्ड के सदस्य बूनी क्रॉम्बी का कहना हैं कि अध्यक्ष अहलूवालिया को हमारा पूर्ण समर्थन हैं और उन्हें नियमित रुप से संस्था में आधुनिकीकरण और नए सराहनीय कार्य करते रहना चाहिए व इसमें बने रहना चाहिए।
गौरतलब हैं कि अहलूवालिया ने अपने संबोधन में आगे कहा कि ईवानस का विरोध करते हुए उन्हें पिछले वर्ष बोर्ड की प्रार्थना पर पद से हटा दिया गया और कारण दिया गया कि ईवान के व्यक्तित्व पर की गई शिकायतों के कारण असमानता को बढ़ावा मिला। मुखिया ने बोर्ड से कहा कि उन्हें वास्तव में इसके बारे में और अधिक कुछ नहीं कहना। पील कॉलीशन एगेन्सट रेसीलाईजड डिक्रीमीनेशन (पी-कार्ड) के अध्यक्ष रंजीत खातकुर ने प्रतिनिधियों की सभा में कहा कि हमें लगता हैं कि पील पुलिस को पता था कि कुछ भी करने से पूर्व जातिगत टिप्पणियां होती हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनके ग्रुप की रिपोर्ट में यह साफ लिखा गया हैं कि कई बार र्दुव्यवहार और असमानता की बातें होती हैं, जिसे पील मुखिया के नेतृत्व में विश्वास की कमी के कारण और अधिक बढ़ावा मिला, और वह (ईवानस) इसे रोक भी नहीं पाई।
ईवानस के बचाव में उतरे अमरीक अहलूवालिया ने कहा कि वह पिछले चार या पांच महीने से ईवानस के साथ काम कर रहे हैं और उन्हें इस प्रकार की कोई बात नहीं लगती। इन सब बातों को देखते हुए अहलूवालिया, मिसिसॉगा मेयर बूनी क्रॉम्बी और अन्य बोर्ड सदस्यों का मानना हैं कि स्वतंत्र अंकेक्षण द्वारा ही इस बात का निष्कर्ष निकल सकता हैं, इसके साथ साथ लिंग भेदभाव और शारिरीक शोषण जैसे मुद्दों पर भी समानता के साथ निरीक्षण हो सकेगा।
खातकुर ने सभा की समाप्ति पर कहा कि वह भी यहीं चाहते हैं कि पूरे जीटीए में सामुदायिक ग्रुपस को समान दर्जा मिलें, और उनके साथ किसी प्रकार का भेदभाव न किया जाएं।
अहलूवालिया ने एक ईमेल द्वारा कहा कि कुछ बदलाव में परेशानियां होती ही है, जिसे दक्षता के साथ संभालना होगा। उन्होंने आगे कहा कि समाज में कुछ बदलाव या भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं।
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