डच एंड डचेस मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक देंगे ध्यान
वैनकुअर। अपनी वैनकुअर की यात्रा के पश्चात कैम्ब्रीज के डच एंड डचेस ने सभी कैनेडियनस से वादा किया कि वे उनकी मदद अवश्य करेंगे, जब वह एक ऐसी मां से मिले जो अपने दुखों से लड़ रही थी और उसने अपनी आपबीती इन्हें बताई।
एलीसन व्रेट नामक यह महिला पांच साल से कम उम्र के दो बच्चों की मां हैं, ने बताया कि यहां कुछ मांओं को चाय तक नसीब नहीं होती, एक सामाजिक संस्था द्वारा कुछ गर्भवती महिलाओं को खाना दिया जाता हैं वो भी पर्याप्त नहीं होता।
प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केटे की यात्रा के दौरान व्रेट ने बताया कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि हमारे इस स्थान पर लोगों की नजर गई क्योंकि यहां बहुत ही प्यार हैं और बहुत अधिक आशा हैं जो सबकों अपनी ओर आकर्षित करता हैं। आएं हुए रॉयल परिवार ने उन परिवारों की समस्या को केवल हल ही नहीं किया बल्कि उन्हें भविष्य के लिए ऐसे रास्ते बताएं जिनसे इस प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो।
उन्होंने आगे बताया कि महिलाओं के मदद हेतु एक संस्था का निर्माण प्रिंस विलियमस की मां प्रिसेंस डायना ने भी किया था जो महिलाओं की मदद के लिए आज भी तत्पर हैं। प्रबंधक पैटी जेटल ने बताया कि डच एंड डचेस की इच्छा पर उनसे आगे के बारे में पूछा गया। जेटल ने आगे कहा कि उनकी इच्छा इस प्रकार की महिलाओं की मदद करना हैं।
प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो और उनकी पत्नी ग्रेगॉरी ट्रुडो से भी मिलकर इसी मुद्दे पर चर्चा की।
वैनकुअवर पहुंचने पर प्रिंस और उनकी पत्नी का भव्य स्वागत किया गया, गत रविवार को रॉयल परिवार जब वैनकुअवर पहुंचा तो लोगों ने दिल खोलकर उनका स्वागत किया, यद्यपि यह कपल अपने साथ अपने राजकुमारों को नहीं लाया, इस यात्रा के दौरान प्रिंस ने साधारण पोशाक ब्लेजर, टाई और गहरे रंग की पेंट पहनी जबकि केटे ने एलेक्जेंडर मकक्वीन द्वारा डिजाईन की हुई लाल सफेद रंग की पोशाक धारण कर रखी थी। जिसके साथ उन्होंने लाल जूते और लाल रंग का पर्स ले रखा था।
इस परिवार के सम्मान में एक रात्रि भोजन का आयोजन भी रखा गया, इसके अलावा महिला रगबी टीम ने प्रिंस से अपने रगबी खेल के अनुभव भी साझा करने की प्रार्थना की, जिसे उन्होंने पूरी दिलचस्पी के साथ सभी को साथ रखते हुए साझा की।
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