तालिबान की मदद में फिर से संलिप्त हुई आईएसआई
टोरंटो-दक्षिण एशियाई मामलों के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के जाने की तैयारियों के बीच पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई फिर से तालिबान की मदद में संलिप्त हो गई है।
सीआईए के पूर्व अधिकारी और ब्रुकलिंग्स इंस्टीट्यूट के विद्वान ब्रुस रीडल ने कहा कि पाकिस्तान में वास्तविक ताकत रखने वाली सेना ने 20 साल तक अफगान तालिबान की मदद की। उसने 1990 में वहां तालिबान के इस्लामी साम्राय को बनाने में भी मदद की थी और (अफगान) सरकार के भीतर ही अलकायदा की सरकार बनवा दी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने पनाहगाह मुहैया कराने के साथ हथियारों, विशेषज्ञता और दूसरी तरह से तालिबान की मदद की। साल 2001 में अमेरिकी आक्रोश से बचने के लिए उसने कुछ समय के लिए तालिबान से नाता तोड़ लिया।
रीडल ने आरोप लगाया कि साल 2004 के बाद उस वक्त के आईएसआई प्रमुख और मौजूदा सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी के नेतृत्व में यह एजेंसी फिर तालिबान की मदद में संलिप्त हो गई।
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