पील पुलिस अधिकारियों को मिला बहादुरी पुरस्कार

       

The Police Services Board and Peel Regional Police Employee Recognition Awards were held at the Mississauga Convention Centre Tuesday evening (June 9). Constable Michael Klarenbeek who was wounded in the courthouse shooting and civilian Linda Hunt who came to his aid were among those honoured for the incident.
The Police Services Board and Peel Regional Police Employee Recognition Awards were held at the Mississauga Convention Centre Tuesday evening (June 9). Constable Michael Klarenbeek who was wounded in the courthouse shooting and civilian Linda Hunt who came to his aid were among those honoured for the incident.

 मिसिसॉगा। दो पील पुलिस अधिकारियों को ब्रैम्पटन कोर्ट हाऊस के बाहर कुछ बंदूकधारियों को पकड़ने के लिए प्रोत्साहन स्वरुप गर्वनर जनरल ऑफ कैनेडा द्वारा बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डेविड जॉनस्टन ने कॉन्सटेबल माईक क्लेरनबीक और कॉन्सटेबल डेव लेखा को औटवा के रिडयू हॉल में एक समारोह के दौरान यह पुरस्कार दिया। सूत्रों के अनुसार 28 मार्च, 2014 को क्लेरनबीक ए. ग्रेनवीले और विलीयम डेविस कोर्ट हाऊस के बाहर सुरक्षा कार्य संभाल रहे थे, तभी चरनजीत ‘सन्नी’ बस्सी ने बिना किसी अधिकारी की अनुमति के वहां प्रवेश करने की जबरदस्ती की, उनके पास मेटल का कोई यंत्र होने की संभावना से उन्हें वहां प्रवेश नहीं करने दिया गया। जिसे रोकने पर क्लेरनबीक को अपने पेट में गोली खानी पड़ी। इस झगड़े में क्लेरनबीक और लेखा ने हार नहीं मानी और उन्होंने पलटकर उसपर वार किया जिसमें बस्सी मारा गया। औटवा में पार्लियामेंट हिल पर बंदूकधारी माईकल जेहफ बीएयू को मारने वाले विकरस की तुलना करते हुए इन दोनों अधिकारियों को ब्रैम्पटन का हीरो कहा गया। उन पर लिखे नोट में कहा गया कि दोनों अधिकारियों ने अपनी जान पर खेलकर कई लोगों की जिंदगियां बचाई या कोई बड़ी हानि होने को रोका। गर्वनर जनरल ऑफ कैनेडा ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार कोई भी अपनी जान जोखिम में डालकर सबसे पहले अपराध को नहीं रोकता, परन्तु इन्होंने यह साहस का काम बखूबी किया जिसका इन्हें प्रोत्साहन दिया जा रहा हैं। उस दिन की घटना के बारे में बताते हुए क्लेरनबीक ने कहा कि जब उन्होंने बस्सी को अपनी पूरी जांच करवाने के लिए कहा तो वह गुस्सा हो गया और उसने फौरन अपनी बंदूक निकाल ली और जिससे माहौल पूरा भयावह हो गया। परन्तु वह संतुलित रहे और उन्होंने योजना के साथ उस पर काबू पा लिया। अंत में उन्होंने बस्सी पर तीन गोलियां चलाई जिससे उसकी मौत हो गई।

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