भारतीय मूल के राजा कृष्णमूर्ति ने रचा इतिहास

इलिनोइस राज्य से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव जीत लिया है

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वाशिंगटन. भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन राजा कृष्णमूर्ति ने आज इलिनोइस राज्य से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव जीत लिया । कृष्णमूर्ति ने इलिनोइस से चुनाव लड़ा था जो शिकागो के पश्चिम और उत्तर पश्चिम उपनगरीय इलाके में शामिल है। दिल्ली में जन्मे राजा कृष्णमूर्ति अमेरिकी संसद के निचले सदन का सदस्य बनने की दौड़ में थे। पिछले साल उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी से टिकट पाने के चुनाव में इलिनॉय प्रांत के सीनेटर माइक नूलैंड को हरा दिया था। इसलिए अब उनका मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार से हुआ था। बता दें कि चुनाव जीतने पर कृष्णमूर्ति अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में एमी बेरा के बाद दूसरे भारतवंशी सदस्य बने थे।
राजा कृष्णमूर्ति का जन्म 19 जुलाई 1973 को नई दिल्ली में हुआ था। कृष्णमूर्ति ने दो छोटे व्यवसायों को विकसित किया है राष्ट्रीय सुरक्षा और अक्षय ऊर्जा उद्योगों में उत्पादों को बेचना साथ ही वह इसके अध्यक्ष है। उन्होंने प्रिंसटन विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और हार्वर्ड लॉ स्कूल से सम्मान के साथ स्नातक की उपाधि ली है।
बता दें कि कृष्णमूर्ति ने अपने अभियान में काम कर रहे परिवारों, मजदूरों के काम और उन्हें सामान वेतन देने की बातों की वकालत की थी। कृष्णमूर्ति ने ऐसे परिवारों को सामान कार्य के लिए सामान वेतन और उनकी मदद करने के लिए, बीमार और मातृत्व अवकाश का भुगतान, संघीय न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने, और कॉलेज अधिक किफायती बनाने जैसी बातों पर जोर दिया था। तो वही महिलाओं के लिए उन्होंने प्रजनन स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाया और इसकी रक्षा की बात कही थी।
टाइम्स अॉफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में उन्होंने इलिनोइस में डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रथमिकता को हासिल किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कृष्णमूर्ति का समर्थन किया था और एक वीडियो संदेश में ओबामा ने कृष्णमूर्ति को एक ‘अच्छा मित्र’ बताया था।
कृष्णमूर्ति के जिले में भारतीय-अमेरिकी आबादी की अच्छी खासी संख्या है और पिछले महीने मूर्ति ने पीटीआई को बताया कि, लोगों से बातचीत करने पर पता चला है कि, “लोग गलत राजनितिक बयानबाजी से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि, वह जनता के लिए बहुत चिंतित हैं।
बहरहाल कृष्णमूर्ति ने भारत-अमेरिका संबंध पर प्रशंसा जाहिर की और कहा कि, भारत-अमेरिका संबंध तेजी से मजबूत और गहरा हो गया है। उन्होंने कहा कि दोनों लोकतंत्रों के बीच एक मजबूत रिश्ता बन गया है जो बहुत महत्वपूर्ण है और यह दुनिया के लिए चुनौतियां बन सकता है। कृष्णमूर्ति ने कहा कि, “मुझे दुनिया के सबसे पुराने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच संबंधों के विकास में एक सकारात्मक शक्ति होने की उम्मीद है।”
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