कनेडा में स्टडी के साथ परमानेंट सिटिजनशिप
ओटावा, कनेडा में पढऩे वाले तकरीबन 80 फीसदी भारतीय वहां की नागरिकता हासिल करने की कोशिश करते हैं और इनमें से 99 फीसदी लोग सफल भी रहते हैं। ये आंकड़े भारतीयों के बीच क:नेडाकी बढ़ती लोकप्रियता का इशारा करते हैं।
कनाडियन यूनिवसिर्टी ऐप्लिकेशन सेंटर के एमडी ने यह तस्वीर पेश की है। उनके मुताबिक, पढ़ाई खत्म करने के बाद 80 फीसदी भारतीय क:नेडामें ही बसना चाहते हैं। गौर करने की बात यह है कि क:नेडाकी पॉपुलेशन ग्रोथ को एक तय दर पर बनाए रखने के लिए उसे हर साल 3 लाख विदेशियों की जरूरत है। यही वजह है कि इस देश में टैलेंटेड भारतीयों की बड़ी डिमांड है।
आपको बता दें कि क:नेडाकी जनसंख्या 3 करोड़ 45 लाख के आसपास है और यह देश जनसंख्या की ग्रोथ रेट बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है। लेकिन यहां की जनसंख्या दर को बनाए रखने में भारतीयों ने काफी योगदान दिया है। इन भारतीयों में पंजाब का जवाब नहीं है। कनाडियन यूनिवसिर्टी ऐप्लिकेशन सेंटर के एमडी की मानें तो क:नेडामें पढऩे वाले भारतीयों में 40 फीसदी से यादा पंजाब से हैं।
नब्बे के दशक में जहां डेढ़ हजार स्टूडेंट्स हर साल क:नेडाजाते थे, वहीं यह तादाद बढक़र 13,000 से यादा हो गई है। दूसरे देशों के मुकाबले कम खचीर्ली पढ़ाई और हाई लिविंग स्टैंडर्ड ऐसी चीजें हैं, जो भारतीयों को क:नेडाकी ओर खींचती हैं। इतना ही नहीं, जैसे ही कोई इंडियन क:नेडाकी यूनिवसिर्टी से ग्रैजुएट की डिग्री हासिल करता है, उसे अपने आप वर्क परमिट भी मिल जाता है। अगर स्टडी पूरी होते ही जॉब का जुगाड़ हो जाए, तो फिर परमानेंट सिटिजनशिप हासिल करने का मन तो होता ही है।
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