प्रदूषण को नहीं कर सकते अनदेखा, उठाने होंगे कदम
कई लोग कहेंगे कि ‘प्रदूषण’ पुराना और रटा-रटाया मुद्दा है, पर सवाल पुराने या नए का नहीं है बल्कि असल सवाल है कि हम अपनी जीवनशैली को किस प्रकार बेहतर कर सकते हैं, जबकि अपने साथ आने वाली पीढ़ियों के संभावित जीवन को हम प्रदूषण बढ़ाकर और बदतर बनाने की राह खोलते जा रहे हैं। न केवल देश में बल्कि विश्वभर में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है। ग्लोबल वार्मिंग लगातार बढ़ी है और ग्रीन हाउस गैस को कम करने के लिए ‘सम्मेलन पर सम्मेलन’ हो रहे हैं। विकसित और विकासशील देशों में इस पर खूब माथापच्ची हो रही है, समझौते हो रहे हैं पर उसका नतीजा क्या निकल रहा है यह कहना अपने आप में बेहद मुश्किल है।
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