घर का खर्च चलाने के लिए बच्ची बेची
नई दिल्ली, परिवार का खर्च उठाने की खातिर एक मां ने अपनी दो माह की बच्ची महज 75 हजार रुपये में बेच दी। बतौर एडवांस 25 हजार रुपये थमाकर बाल तस्करी का मास्टरमाइंड बच्ची उठाकर ले गया था। क्राइम ब्रांच ने एक माह से फरार चल रहे एक निजी अस्पताल के पीआरओ व बाल तस्करी के मास्टरमाइंड दीनानाथ तिवारी को दबोचकर बच्ची का सौदा करने वाली मां को भी गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला का नाम रहीसा खातून है। पुलिस को शक है कि दीनानाथ ने इससे पूर्व में भी बच्चों खरीद-फरोख्त की है। एक माह पूर्व क्राइम ब्रांच ने लोनी, गाजियाबाद स्थित ज्योति नर्सिग होम के संचालक सुमित शर्मा तथा मेडिकल छात्र निहारिका को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो माह की बच्ची बरामद की थी। दोनों तीन लाख रुपये में मासूम का सौदा करने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने बाल सुधार समिति के आदेश पर बच्ची एक एनजीओ को सौंप दी थी। क्राइम ब्रांच के अनुसार सुमित को दीनानाथ ने बच्ची लाकर दी थी। दीनानाथ लोनी के कमलादेवी अस्पताल में पीआरओ है। करीब एक माह तक वह पुलिस से बचता फिर रहा था। पुलिस ने 5 जून को कडक़डड़ूमा अदालत के समीप दीनानाथ को उस समय गिरफ्तार किया जब वह कानूनी मदद के लिए अपने किसी जानकार से मिलने जा रहा था। रहीसा को न्यू उस्मानपुर से पकड़ा गया। रहीसा ने बताया कि उसे दीनानाथ ने 50 हजार रुपये बाद में देने का वादा किया था। लेकिन बच्ची ले जाने के बाद वह वापस नहीं आया। क्राइम ब्रांच अधिकारियों के अनुसार रहीसा के आठ बच्चे हैं। पति दर्जी है। उसने दूसरी शादी की है। रहीसा का कहना था कि पति की कमाई से खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। इसलिए एक दिन दीनानाथ ने उसे बच्ची बेचने का प्रस्ताव दिया तो परिवार के अन्य सदस्यों की खातिर उसने सहमति दे दी। दीनानाथ बारहवीं पास है। वह अजमेरी गेट तथा ग्रीन पार्क में दुकानों पर क्लर्क का काम करता था। 2005 में उसने लोनी के शिवम अस्पताल में पीआरओ की नौकरी शुरू की। मई 2012 में वह कमलादेवी अस्पताल में पीआरओ बन गया।
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