घडी के वो तथ्य जिनसे आप अभी तक है अनजान
आज दुनिया में सब कुछ स्मार्ट हो रहा है तो ऐसे में स्टेटस सिंबल समझे जाने वाली हमारी घड़ी कैसे पीछे रह सकती थी। स्मार्ट फोन की तरह ही अब घड़ी भी स्मार्ट वाच बन चुकी है और आज घड़ी सिर्फ समय ही नही बताती ये और भी कई काम करती है। आज स्मार्ट वॉच बन घड़ी ने भी काफी तरक्की कर ली है पर आज अक्सर आपके मन में ये सवाल उठता है कि पहली घड़ी कैसी रही होगी और पहली बार किसने घड़ी पहनी होगी। ये लेख आपके इन्ही सवालों को शांत करेंगा। घड़ियों का सफर भी महिलाओं के साथ शुरू हुआ था और कई वर्षो तक घड़ियों को सिर्फ और सिर्फ महिलाएं ही धारण करती रही है। प्रथम विश्व युद्ध के बाद से पुरुषों में घडी पहनने का चलन प्रारंभ हुआ हालाकि प्रथम विश्व युद्ध से पहले भी वॉच मौजूद थी पर वह आम लोगो के लिए नही सिर्फ पायलटो के ले लिए थी और इसे पायलट वॉच कहा जाता था। दुनिया में सबसे पहली घड़ी पहनने का श्रेय हंगरी की राजकुमारी कोस्कोविक्ज के पास है। दुनिया में पहली घड़ी पहनने वाली राजकुमारी कोस्कोविक्ज ने 1868 में पाटेक फिलिप द्वारा तैयार की गयी घड़ी पहनी थी। कलाई घड़ी अर्थात रिस्ट वॉच का चलन 1904 से शुरू हो गया था पर इसे बाजार में आते-आते 7 साल लग गये और ये 1911 में बाजार तक पहुची। लुई कार्टिये पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अपने दोस्त के लिए पॉकेट घड़ी को कलाई घडी का रूप दिया था। वर्ष 1919 आने तक घड़ी काफी प्रसिद्ध हो चुकी थी और उस समय के सबसे अधिक बिकने वाली और कीमती घड़ी कार्टिये की टैंक घडी थी और इसका निर्माण करने वालों का ये भी दावा है कि ये पॉकेट घड़ी के बाद ये पहली कलाई घड़ी थी वैसे आपको पता दे कम्पनी मालिकों ने टैंक घड़ी टैंक से प्रेरणा लेकर बनाई थी और इस घड़ी को उस समय की मशहूर और फैशन आइकॉन हस्तियों के साथ-साथ प्रिसेंस डायना भी पहनती थी।
इसके अलावा आपको ये जानकर हैरानी होगी कि घड़ी सिर्फ धरती तक सिमित नही है यह अंतरिक्ष पर भी पहुच चुकी है। ओमेगा स्पीडमास्टर चांद पर जाने वाली पहली घड़ी के रूप में जानी जाती है।
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