कोर्ट के फैसले के पश्चात पीड़ित को औटवा बुलाया गया
औटवा। एक पीड़ित व्यक्ति ने अपने अभिभावकों के लापता की रिपोर्ट की जांच में उसे औटवा आने का आदेश दिया गया, बताया जाता हैं कि सन 2010 से उसके अभिभावक लापता हैं, जिसका उस व्यक्ति को संदेह हैं कि वह मारे गए या मानव तस्करों के हत्थे चढ़ गए हैं। जिसकी जांच के लिए उसे औटवा बुलवाया गया। उस व्यक्ति द्वारा प्रशासन पर आरोप लगाया गया कि इस प्रकार के कार्यों पर नियंत्रण नहीं होने से यह अपराध देश में बढ़ते जा रहे हैं, जिसके लिए विधानसभा में भी विपक्ष द्वारा यह सवाल उठाया गया कि सरकार द्वारा भविष्य में इसके लिए क्या नीति तैयार की जा रही हैं। जिसके प्रतिउत्तर में मक्कॉन ने कहा कि इस प्रकार के कार्यों में लिप्त व्यक्तियों के लिए आजीवन कारावस निश्चित किया गया हैं और जिसे सात वर्षो से पूर्व पैरॉल भी नहीं मिल सकती।
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