साइबर निगरानी बंद नहीं करेगा अमेरिका
वाशिंगटन, ईरान, पाकिस्तान और भारत समेत दुनिया के कई देशों की साइबर जासूसी करने के आरोपों में फंसे अमेरिका को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उसका मानना है कि दुनिया भर के इंटरनेट डाटा निगरानी कार्यक्रम अमेरिकियों को आतंकवाद से सुरक्षित रखने के लिए बेहद जरूरी है। वह इस निगरानी को बंद करने नहीं जा रहा है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘हम अपने व्यापक निगरानी कार्यक्रम को बंद नहीं करने जा रहे हैं। यह कार्यक्रम अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है।’ इसके विपरीत अमेरिका एडवर्ड स्नोडेन नामक उस शख्स को दंडित करने के पक्ष में हैं, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के ‘प्रिज्म’ कोड नाम वाले खुफिया निगरानी कार्यक्रम से जुड़े गोपनीय दस्तावेज मीडिया को मुहैया कराए। अमेरिकी न्याय विभाग स्नोडेन को अपराधी करार देने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है। 29 वर्षीय अमेरिकी नागरिक स्नोडेन सरकारी ठेका कंपनी बूज एलेन हैमिलटन का कर्मचारी है। सीनेट खुफिया समिति की अध्यक्ष डायना फेनस्टेन ने स्नोडेन के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए कहा है।
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