भारतीय वैज्ञानिक के नाम कार्निया की नई परत
लंदन,वैज्ञानिकों को कार्निया की नई परत के बारे में पता चला है। इसे एक बड़ी खोज माना जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इसकी खोज करने वाले भारतीय शोधकर्ता प्रोफेसर हरमिंदर दुआ के नाम पर इस परत का नाम दुआ लेयर रखा है।
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम के शोधकर्ताओं का निष्कर्ष है कि इस खोज के बाद सर्जनों द्वारा कार्निया का प्रत्यारोपण और बेहतर ढंग से किया जा सकेगा। मनुष्यों में कार्निया आंख की पुतली के सामने एक रक्षात्मक लेंस के रूप में मौजूद रहता है, जिससे होकर प्रकाश आंख में प्रवेश करता है। इससे पहले वैज्ञानिकों का मानना था कि कार्निया पांच परतों कार्नियल इपिथेलियम, बोमैंस लेयर, कार्नियल स्ट्रोमा, डिस्मेट्स मेम्ब्रेन और कार्नियल इंडोथेलियम से मिलकर बना होता है। अब नई परत कार्नियल स्ट्रोमा और डिस्मेट्स मेम्ब्रेन के बीच पाई गई है। इसकी मोटाई केवल 15 माइक्रोन है। जबकि कार्निया की मोटाई 550 माइक्रोन होती है।
दुआ का कहना है, यह बड़ी खोज है और इससे नेत्र विज्ञान की किताबों को फिर से लिखना पड़ेगा। समझा जा रहा है कि इस नई परत की खोज से मरीजों का ऑपरेशन अधिक सुरक्षित और आसान हो सकेगा।’ यह अध्ययन आप्थेल्मोलाजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
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