ट्रम्प के यात्रा प्रतिबंद्ध के कारण टोरंटोवासी परेशान

टोरंटो। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के छ: मुस्लिम देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रतिबंद्ध के पश्चात कैनेडा में रह रहे सीरियन वासी भी परेशान हो रहे हैं, एक स्थानीय सीरियन निवासी बयान खातिब ने बताया कि वह अब अपने परिवार जल्द नहीं मिल पाएगी, जो अमेरिका में रहते हैं। परन्तु इन सभी टिप्पणियों के बावजूद यह अच्छी खबर मिली हैं, कैनेडा इन प्रतिबंद्धों को नकारते हुए सभी शरणार्थियों का स्वागत करता हैं। गौरतलब हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मुस्लिम बहुल सात बड़े देशों के यात्रियों के अमेरिका प्रवेश पर रोक लगाये जाने के कारण कैनेडा ने अपने यहां फंसे यात्रियों को अस्थायी निवास मुहैया करने की पेशकश की है। कैनेडा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के इस फैसले के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का समना करना पड़ रहा है जिसे देखते हुये सरकार ऐसे यात्रियों को अस्थायी प्रवास मुहैया करने पर विचार कर रहा है।  इससे पहले आव्रजन मंत्री अहमद हुसैन ने कहा था कि उन्हें यह नहीं पता कि कितने लोग इस फैसले से प्रभावित हो रहे है लेकिन कैनेडा से अमेरिका जा रहे कुछ अप्रवासियों का विमान में चढने से रोका गया।  उन्होंने कहा, एक मंत्री के तौर पर मंै आपको विश्वास दिलाता हूं कि जो लोग कैनेडा में फंसे हंै, उन्हें हम अस्थायी प्रवास मुहैया करायेंगे, जैसा कि पहले भी करते रहे है। कैनेडा के निर्यात का 75 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका में जाता है, शायद इसी वजह से कैनेडा की सरकार ने अब तक अमेरिका के इस रूख का खुल कर विरोध करने की जगह अप्रवासियों को अपने देश में प्रवास देने का फैसला किया है। हालांकि कैनेडा में स्थानीय और राष्ट्रीय नेताओं ने पहले ही ट्रंप के इस निर्णय की निंदा की है। विपक्षी न्यू डेमोक्रेट ने संघीय संसद में एक आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की।  ज्ञात हो कि अमेरिका द्वारा ईरान, ईराक, सुडान, सोमालिया, सीरिया, येमान और लीबिया के लोगों का प्रवेश अमेरिका में प्रतिबंद्धित कर दिया हैं, जिसके विश्व के कई देशों ने निंदा की हैं, जिसमें से कैनेडा भी एक हैं। टोरंटो में रहने वाले ईरानी-कैनेडियन वासी नेवशा गाहेली ने भी माना कि इस प्रकार का प्रतिबंद्ध बहुत गलत हैं जिसे किसी भी देश को नहीं मानना चाहिए, और पूरे विश्व को मिलकर इस प्रकार के फैसले पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए जिससे कोई भी देश इस प्रकार का कोई निर्णय भविष्य में नहीं कर सके। यद्यपि ट्रंप के आगे की नीति पर लोगों में अभी भी भयावह संदेह बरकरार है।
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