लिबरल्स द्वारा ट्रम्प के नए यात्रा प्रतिबंद्ध पर होगा विचार

औटवा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा नए यात्रा प्रतिबंद्ध पर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं और अपनी नई सूची भी जारी की हैं, जिस पर कैनेडा ने अपनी प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा कि इस नई नीति का कैनेडा पर भी बहुत असर पड़ने वाला हैं, लोक सुरक्षा मंत्री रालेफ गुडेल ने कहा कि कैनेडियन सरकार अपने मूल्यों पर टिकी हुई हैं, और वह अपने देश के स्थानीय निवासियों को परेशान नहीं करेगी। पूरी व्याख्या आने के पश्चात ही हम किसी निर्णय पर पहुंचेगे और यदि उसमें कोई बदलाव की अपेक्षा होगी तो उसे अवश्य ही करेंगे। गौरतलब हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने छह मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले लोगों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले नये शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। नये आदेश में इराक का नाम शामिल नहीं है। ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद संभालने के साथ ही इराक समेत सात मुस्लिम बहुल देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाते हुए शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अदालतों ने उसे रोक दिया। इसे लेकर दुनिया भर के लोगों में काफी गुस्सा भी था। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने पुष्टि की है कि ट्रम्प ने आज सुबह बंद कमरे में इस आदेश पर हस्ताक्षर किया। नये शासकीय आदेश में सूडान, सीरिया, ईरान, लीबिया, सोमालिया और यमन के लोगों पर 90 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया है। यह पहले से वैध वीजा प्राप्त लोगों पर लागू नहीं होगा। आदेश के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के पास 27 जनवरी, 2017 (शाम पांच बजे से पहले) वैध वीजा था या शासकीय आदेश के लागू होने के दिन वैध वीजा था तो उसे अमेरिका में प्रवेश से नहीं रोका जायेगा। उसमें कहा गया है, 90 दिनों की यह अवधि विदेशी नागरिकों द्वारा आतंकवादियों और अपराधियों के घुसपैठ को रोकने के लिए मानदंड तय करने और समुचित समीक्षा करने का वक्त देगी। नये आदेश में इराक का नाम हटा दिया गया है। वहीं दूसरी ओर न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल का कहना है कि वे ट्रम्प के नये आदेश को अदालत में चुनौती देने के लिए तैयार हैं। एरिक शेनिडरमैन ने कहा, व्हाइट हाउस ने भले ही प्रतिबंध में बदलाव किए हों, लेकिन मुसलमानों के प्रति भेदभाव की मंशा स्पष्ट है। यह ना सिर्फ ट्रम्प की तानाशाही नीतियों के बीच फंसे परिवारों को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि.. यह हमारे मूल्यों के खिलाफ है तथा हमें कम सुरक्षित बनाता है। उन्होंने कहा कि देश भर की अदालतों ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रम्प संविधान से ऊपर नहीं हैं।
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