अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : महिला अधिकारों पर चर्चा
महिला दिवस के उपलक्ष्य में ट्रुडो ने 650 मिलीयन डॉलर के अनुदान की घोषणा की
औटवा। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला शक्ति के बारे में वार्ता करते हुए कहा कि उनकी सरकार सदैव ही महिला सम्मान के लिए अग्रसर रही हैं। इसके लिए उन्होंने पहले ही लिंग समानता को प्राथमिकता दी और इसी प्रक्रिया में उन्होंने अपनी कैबीनेट में भी महिला-पुरुषों की समान संख्या रखी जिससे महिलाओं को इससे और अधिक जागरुकता मिल सके, आज के अपने संबोधन में भी उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सदैव सतर्क रहना चाहिए और हमेशा उसकी रक्षा के लिए आगे रहना चाहिए। महिला दिवस के उपलक्ष्य में ट्रुडो ने 650 मिलीयन डॉलर के अनुदान की भी घोषणा की जो महिलाओं को सैक्सुअल और रीप्रोडेक्शन स्वास्थ्य परियोजनाओं के लिए अगले तीन वर्षों में मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने माना कि आज भी बहुत सी महिलाएं और लड़कियां अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हैं, और इसके लिए उन्हें उचित सलाह या देखभाल नहीं मिल पा रही, जिसके कारण उनका असमय गर्भपात और अपना शारीरिक विकास नहीं कर पाने के कारण बड़ी उम्र में अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा हैं जिसके कारण सरकार एक योजना तैयार कर रही हैं जिसका लाभ महिलाओं को आगामी समय में होगा, वर्तमान समय में अनेक प्रकार की शारिरीक बीमारियां फैल रही हैं, जिसमें से एड्स, जीका वायरस आदि प्रमुख हैं, जिनका इलाज बहुत दुर्लभ हैं, जो लापरवाही के साथ किए शारिरीक संबंधों के कारण फैल सकता हैं, और इसकी सबसे अधिक शिकार आज भी महिलाएं ही हो रही हैं। जो इस बात का प्रमाण हैं कि उनमें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता की कमी हैं। ट्रुडो ने आगे कहा कि महिला और पुरुषों की समान जिम्मेदारी होती हैं परिवार को बढ़ाने या सीमित रखने की, उनकी इच्छा से ही यह देखना होता हैं कि कब परिवार बढ़ाया जाएं या सीमित रखा जाएं इसके लिए किसी एक की मर्जी नहीं चलनी चाहिए, महिलाओं को अपना महत्व स्वयं समझना होगा। ट्रुडो मानते हैं कि महिला और पुरुष समान हैं, और दोनों को ही अपनी जिम्मेदारी समान रुप से निभानी होगी तभी कोई भी देश उचित रुप से तरक्की कर सकेगा। गौरतलब हैं कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने कैनेडा समेत दुनियाभर में अपनी जगह हासिल करने के लिए महिलाओं द्वारा विश्व में चलाये गये आंदोलनों की प्रशंसा की लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि पिछले वर्षों में की गई प्रगति काफी नहीं है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिये। संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों के उच्चायुक्त जैदी बिन राद अल हुसैन ने आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कहा, यह उत्साहवर्धक है कि बड़ी संख्या में महिलाएं अपने अधिकारों की मांग करने के लिए एकजुट हो रही हैं। अल हुसैन ने अर्जेंटीना, पोलैंड और सउदी अरब में महिलाओं के आंदोलनों की प्रशंसा की, जहां महिलाओं और पुरऊषों ने कुछ लैंगिक और प्रजनन अधिकारों का अपराधीकरण करने के विधायिका के प्रस्तावों के खिलाफ मार्च किया और बदलाव की मांग करते हुये सड़कों पर उतरे। उन्होंने एक बयान में कहा, भारत में हमने यौन हिंसा के खिलाफ महिलाओं को प्रदर्शन करते हुये देखा और समाज में अपना स्थान हासिल करने के लिए आंदोलन चलाते हुये देखा। यह समय साथ आकर पिछले समय में की गई अहम प्रगति की रक्षा करने और सकारात्मक गति बनाये रखने का है।
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