सरकारी मतदान में हाइड्रो कटौती को मिला समर्थन
वीन ने अपने संबोधन में कहा कि कम बिल के कारण ओंटेरियो वासियों को मिलेगी राहत, लेकिन इस छूट के कारण सरकार पर अतिरिक्त लागत का भार 25 बिलीयन डॉलर तक पड़ सकता हैं जिसे अगली पीढ़ी को चुकाना पड़ेगा।
क्वींस पार्क। प्रीमियर कैथलीन वीन द्वारा हाइड्रो बिलों में 25 प्रतिशत तक की कटौती को जनता ने अपना समर्थन दिया हैं। लेकिन दूसरी ओर सरकार इससे होने वाली लागतों में बढ़ोत्तरी को लेकर चिंतित भी हैं। पिछले दो हफ्तों के अंदर करवाएं गए सर्वे के अनुसार 82 प्रतिशत लोगों का मानना हैं कि यह कटौती उचित हैं, जबकि केवल 14 प्रतिशत लोग इस कटौती के विरोध में हैं और 4 प्रतिशत लोगों ने अपना कोई भी मत नहीं दिया। जिसके पश्चात इस कटौती पर अंतिम निर्णय लेना आसान हो गया हैं। मीडिया से की वार्ता के अंतर्गत 78 प्रतिशत लोगों का मानना हैं कि इस कटौती से उनके परिवारिक बजट भारी मदद होगी जो इस बढ़ोत्तरी के कारण संभव नहीं हो पा रहा था, जबकि 52 प्रतिशत लोगों का कहना हैं कि सरकार इस कटौती को कैसे व्यवस्थित करेगी और इसका अधिभार किस खर्चें से जोड़ेगी, लोगों में अभी भी इस बात को लेकर कई शकाएं मन में आ रही हैं। गौरतलब हैं कि पिछले वर्ष जून से ही प्रीमियर वीन इस प्रकार की कटौती के बारे में घोषणाएं कर रही हैं, परन्तु यदि यह कटौती हुई तो इसके लिए 25 बिलीयन डॉलर का अधिभार सरकार पर पड़ेगा और इसके लिए अगले 30 वर्षों में अतिरिक्त भुगतान को संतुलित करने में समय लग जाएगा जिसे वहन करना एक विचारणीय बात हैं। वीन ने कहा कि इस कटौती का सबसे अधिक लाभ निम्न वर्ग और व्यापारियों को होगा और उनके विकास से देश की आर्थिक स्थिति सुधरेगी जिसके पश्चात हम नए अधिभारों पर संतुलन बनाने में सफल हो सकेंगे। ज्ञात हो कि प्रीमियर कैथलीन वीन ने अपने पूर्व संबोधन में कहा था कि वह जल्द ही बिजली कटौती की योजनाओं को साकार रुप देगी, जिसके लिए उन्होंने अपनी पहली योजना को 1 जनवरी से कार्यन्वित कर दी हैं। उन्होंने आगे कहा कि इसी श्रृंखला में वास्तव में समय का उपयोग करते हुए हम वास्तव में अपनी बचत द्वारा पैसा बचाना होगा। न कि पैसे का अर्जन किसी प्रकार की दरों में बढ़ोत्तरी करके किया जा सकता हैं। जिसके कारण प्रीमियर कैथलीन वीन की साख दावं पर लगी हुई हैं, जिसके कारण वह बहुत अधिक परेशानी में पड़ सकती हैं। वीन ने आगे कहा कि हमने यह देखा कि अनेक प्रांतों में बिजली दर पिछले कुछ वर्षों में बहुत अधिक बढ़ी हैं, जिस पर नियंत्रण पाना बहुत अधिक आवश्यक हैं। इस प्रकार के तेज रफ्तार वृद्धि को तुरंत रोकना होगा अन्यथा देश कभी भी गरीबी से बाहर नहीं आ सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि मेरा कार्य ऐसा है कि इसमें सभी लोग अपनी अपनी राय देते हैं कुछ लोग इस कार्य से प्रसन्न होते हैं जबकि कुछ अन्य इससे नाराज, यह तो सबकी अपनी सोच व नजरिया हैं जिसे वह शब्दों में व्यक्त करते हैं, परन्तु हर किसी की बात तो नहीं मानी जा सकती, इस प्रकार की कार्य प्रणाली से न तो कोई कंपनी चल पाती हैं और न ही कोई देश। एनडीपी नेता आंद्रे हॉरवाथ ने भी अपने वादे के दौरान 17 से 30 प्रतिशत तक की कटौती की बात मानी थी, लेकिन सारा भार करदाताओं पर डालना यह बात वीन ने भी गलत मानी।
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