मलाला को मिली कैनेडियन नागरिता
नोबल पुरस्कार विजेता ने कैनेडा की संसद को किया संबोधित
औटवा। मलाला से पूर्व प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने किया संसद को संबोधित, कहा कि देश के लिए सम्मान की बात बालिका शिक्षा को बढ़ावा देनी वाली इस लड़की से सीखे दुनिया, इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने 2014 में इस सम्मान को देने की घोषणा की थी, उस वर्ष अक्टूबर में संसद में हुए हमले के कारण कार्यक्रम करना पड़ा रद्द, संसद की लाईब्रेरी में ट्रुडो द्वारा दिया गया मलाला को सम्मान। संसद को संबोधित करने वाली सबसे कम उम्र की महिला बनी मलाला यूसुफजई, मलाला ने अपनी पुस्तक आई एम मलाला कैनेडा की संसदीय लाईब्रेरियन सोनिया एलहीयुरेक्स को भेंट की, और मानद नागरिकता स्वीकार की, कॉमन्स के प्रवक्ता ने इसे स्वीकार कर नागरिकता पर अपनी मुहर लगाई।
अपने संबोधन में मलाला ने कैनेडा के लिए कहा कि अपने मूल्यों पर टिके रहने के लिए वह कैनेडा की मुरीद हैं, कैनेडा में आपका स्वागत है-यह केवल एक हैशटैग या हेडलाईन नहीं है। यह इससे बढ़कर है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करुंगी की आप हमेशा अपने घर और अपने दिल को दुनिया के सबसे रक्षाहीन बच्चों और परिवारों के लिये खुला रखें। कैनेडा की मानद नागरिकता पाने वाली वह दुनिया की छह लोगों में शामिल हैं। मलाला के अलावा राउल वूलनबर्ग, नेल्सन मंडेला, 14वें दलाई लामा, आंग सान सू की और आगा खान को कनाडा की मानद नागरिकता मिल चुकी है। कैनेडा ने गत वर्ष सीरिया के लगभग 25000 शरणार्थियों को अपने यहां शरण दी और जब इस वर्ष अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मुस्लिम बहुल सात देशों के खिलाफ अप्रवास संबंधी प्रतिबंध लगा रहे थे तब कैनेडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो लगातार शरणार्थियों के पक्ष में ट्वीट कर रहें थे।
मलाला ने आगे कहा कि कैनेडा सदैव ही शिक्षा नीतियों की वृद्धि के लिए अग्रसर रहा हैं, ट्रुडो ने अपने संबोधन में कहा कि मलाला दुनिया के लिए एक सीख हैं, जिसे सभी को अपनाना चाहिए यह सदैव शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को आगे रहने के लिए तत्पर रही हैं इसके लिए उन्होंने अपने प्राणों की भी परवाह नहीं कि और इसका मिसाल आज दुनिया में सबके सामने हैं, जब उन्हें गोली लगी तो पूरी दुनिया के लोग स्तब्ध रह गए थे, उनकी इस बहादुरी के लिए वह इस छोटी बालिका के आगे नतमस्तक हैं।
मलाला यूसुफजई को कैनेडियन नागरिक सम्मान के लिए आमंत्रित किया गया
औटवा। गत 22 अक्टूबर, 2014 को मलाला का इंतजार हजारों लड़कियां कर रही थी, जब उन्हें अपने बालिका शिक्षा अभियान के लिए इस सम्मान देने के लिए चुना गया, ज्ञात हो कि ठीक 12 दिन पूर्व ही उन्हें नोबल शांति पुरस्कार के लिए भी चुना गया था, बालिका शिक्षा के लिए उसके उल्लेखिय कार्यों के लिए यह सम्मान दिया जाना था, परन्तु तभी खबर मिली कि एक तालिबानी आतंकी ने उन पर गोली चला दी, और सारा कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। कंजरवेटिव सांसद रोना एम्ब्रॉस ने बताया कि मलाला को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर सम्मानित करने का विचार बनाया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर और उनकी पत्नी भी इस कार्यक्रम में मौजूद होती परन्तु ऐसा हुआ नहीं। गौरतलब हैं कि संयुक्त राष्ट्र शांति दूत के रूप में चुनी गईं मलाला यूसुफजई ने कहा है कि आतंकवादियों ने उनकी हत्या करने की कोशिश की थी लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हुए और अब अपनी दूसरी जिंदगी में वह खासकर लड़कियों की शिक्षा के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि लड़के भी लैंगिक समानता की पैरोकारी करेंगे। पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाली 19 वर्षीय मलाला ने कहा कि उन्हें अपने मुस्लिम होने पर गर्व है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस्लाम का अर्थ शांति है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि मीडिया में मुस्लिमों को आतंकवादियों एवं जिहादियों के तौर पर पेश किया जाता है। उन्होंने कहा, लोगों को मुझे और उन मुस्लिमों की ओर देखना चाहिए जो शांति के साथ जी रहे हैं तथा जो शांति में विश्वास करते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा उन्हें नायक की संज्ञा देते हुए आधिकारिक तौर पर विश्व निकाय शांतिदूत के रूप में शपथ दिलाए जाने के बाद मलाला ने युवाओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए। इससे पूर्व यह सम्मान दलाई लामा, आगा खान, नेलसन मंडेला, बुरनीस कार्यकर्त्ता उंग सेन सु की और स्वीडिश डिप्लोमेट राउल वैलनबेग को दिया जा चुका हैं।
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