रक्षामंत्री हरजीत सज्जन सात दिवसीय भारत दौरे पर
औटवा। रक्षामंत्री हरजीत सज्जन इन दिनों अपने पैतृक देश भारत के दौरे पर गए हुए हैं। जहां एक संबोधन के दौरान उन्होंने माना कि देश में सिख राष्ट्रवादिता का मुख्य दोषी यहां की राजनीति हैं जिसके कारण यह इतना अधिक फैल रही हैं, नेताओं ने समय समय पर इसका उपयोग अपने लाभ के लिए किया। सज्जन सिंह उसी गांव में पैदा हुए, जहां से अमरिन्द्र सिंह पंजाब के उच्च पद पर आसीन हैं। साक्षात्कार में सिंह ने कहा कि कैनेडा के उच्च पद पर आसीन सज्जन सिंह ने देश का नाम प्रख्यात कर दिया किसी भी भारतीय मूल के व्यक्ति के लिए एक गौरव की बात हैं, हमें इनसे सीख लेनी होगी, सिंह ने आगे कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष सिखों की एक रैली करने का निर्णय लिया, परन्तु इसकी अनुमति नहीं मिल पाई, जबकि यह कहकर टाल दिया गया कि ‘खालिस्तान ‘ द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा। सिंह ने कहा कि हम उनसे नहीं मिलना चाहेंगे। वहां पांच सदस्य खालिस्तान से आएं हैं, खालिस्तानियों के इस निर्णय के पश्चात देश में और अधिक उथल-पुथल मच जाएगी। सूत्रों के अनुसार 1985 में भी 329 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई। जिसके कारण माहौल और अधिक बिगड़ गया था। मंत्री सज्जन ने आगे कहा कि उन्हें कैनेडा का निवासी होने पर गर्व हैं, और मेरी यही इच्छा हैं कि जीवन भर मैं यहीं काम करत रहूंं, उन्होंने बताया कि वह पंजाब के किसी भी राजनेता से नहीं मिले। क्योंकि यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रवादिता फैलाता है, तो उसे रोकता हैं तो ऐसी स्थिति में ऐसा व्यक्ति देश व समाज के लिए खरतरनाक साबित हो सकता हैं। सूत्रों के अनुसार सज्जन भारत में कुछ बड़े नेताओं से मिलें और उन्हें इस बात की हैरानी हुई वे सभी खालिस्तान से समर्थन रखते हैं। सज्जन पंजाब के बॉमबेली गांव में पैदा हुए और पांच वर्ष की आयु में ही अपने परिवार के साथ कैनेडा चले गए।
कैनेडा के रक्षामंत्री स. सज्जन श्री हरिमंदिर साहिब में हुए नतमस्तक
लुधियाना/अमृतसर। सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब में कैनेडा के रक्षामंत्री स. हरजीत सिंह सज्जन ने 7 दिवसीय भारत दौरे के दौरान आज तीसरे दिन का शुभारंभ करते हुए माथा टेका और सरबत के भले के लिए अरदास की। आज सुबह सवेरे भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत स. सज्जन नतमस्तक होने के लिए दरबार साहिब पहुंचे, जहां उनका शिरेामणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी और समूह सिख संगत द्वारा गर्मजोशी से जोरदार स्वागत किया गया। इसी अवसर पर कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने स. सज्जन को विशेष चिन्ह और सिरौपा देकर सम्मानित किया। सम्मान से पहले सच्चखंड स्थित श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की हुजूरी में बैठकर स. सज्जन ने इलाही कीर्तन श्रवण किया। वापिसी उपरांत उन्होने सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब पर भी माथा टेका। कैनेडा के रक्षामंत्री हरजीत सिंह सज्जन जब हरिमंदिर साहिब के दर्शन करने उपरंात घंटाघर वाली दयोड़ी परिसर से बाहर आए तो शिरोमणि अकाली दल मान के कुछ सदस्यों द्वारा उन्हें मांग पत्र देने का प्रयास किया गया परंतु मौके पर मौजूद सुरक्षा अधिकारियों ने और शिरोमणि कमेटी की टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा उन्हें रोके जाने पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। इस दौरान माहौल कुछ समय के लिए तनावग्रस्त हो गया, जिस कारण स. सज्जन शिरेामणि कमेटी से सम्मान प्राप्त करने उपरंात बिना कुछ संबोधन किए ही गंतव्य की ओर चले गए।
कैनेडा के रक्षामंत्री हरजीत सिंह सज्जन का अमृतसर में भव्य स्वागत
अमृतसर। कैनेडा के रक्षामंत्री हरजीत सिंह सज्जन गुरुनगरी पहुंचे। गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने उनकी अगवानी की। इस मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। वह एयरपोर्ट से कड़े सुरक्षा घेरे के बीच अमृतसर के ताज होटल के लिए रवाना हुए। वह सुबह श्री दरबार साहिब में माथा टेकेंगे। कैनेडा के रक्षामंत्री दिल्ली से यहां री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचे। हवाई अड्डे पर उन्होंने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। यहां पहुंचने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने स्वागत किया। उनको यहां पहुंचने पर पुलिस ने अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया। पुलिस ने मीडिया कर्मियों तक को उनके पास नहीं जाने दिया। इसके बाद वह ताज होटल के लिए रवाना हो गए। सज्जन श्री दरबार साहिब में मत्था टेका और वहां एसजीपीसी की ओर से उनको सम्मानित किया गया। इसके बाद वह सड़क मार्ग से जालंधर के लिए रवाना होंगे। रास्ते में मानावाला स्थित पिंगलवाड़ा में उनके स्वागत का कार्यक्रम प्रस्तावित है। बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरजीत सिंह पर खालिस्तान समर्थक होने का आरोप लगाते हुए उनसे मिलने से साफ मना कर दिया गया था। इस पर काफी हंगामा हुआ और विरोधियों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा था। इसके बाद कैैप्टन सरकार ने पंजाब दौरे पर आने पर उनकी अगवानी के लिए अफसरों की ड्यूटी लगाई।
सज्जन ने जेटली से मुलाकात की
रक्षामंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कैनेडा के रक्षामंत्री हरजीत सिंह सज्जन से मुलाकात की और द्विपक्षीय व सुरक्षा सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। सज्जन भारत के सप्ताहभर के दौरे पर हैं। उन्हें साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। सज्जन ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर माल्यार्पण किया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। गार्ड ऑफ ऑनर को लेकर कुछ संदेहों के बाद उनका औपचारिक रूप से स्वागत किया गया। दरअसल, घरेलू और विदेशी गणमान्यों को सम्मानित करने के लिए गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है, लेकिन रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी गलती से गार्ड ऑफ ऑनर नहीं देने की एडवाइजरी दी गई थी, लेकिन बाद में मंत्रालय ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ऐसा गलती से हो गया।
सुषमा स्वराज मिलीं कैनेडा के रक्षा मंत्री से
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कैनेडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने दोनों नेताओं की तस्वीर जारी करते हुए ट्वीट किया, सुषमा स्वराज ने आज कैनेडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन से मुलाकात की। सज्जन ने मंगलवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। सज्जन भारत के सप्ताहभर लंबे दौरे पर सोमवार को यहां पहुंचे थे। वह पंजाब का भी दौरा करेंगे, जहां वह पैदा हुए थे।
कैनेडा के रक्षामंत्री की सफाई भी विवाद थाम न पायी
नई दिल्ली। भारत यात्रा पर आए कैनेडा के रक्षामंत्री हरजीत सिंह पर खालिस्तान समर्थक होने के आरोप उनका पीछे नहीं छोड़ रहे। हरजीत सिंह को लगातार यह सफाई देनी पड़ रही है कि उनकी रुचि किसी दूसरे देश के मामलों में दखल देने की नहीं बल्कि केवल कनाड़ा के हितों की बात करने में है। उनकी इस सफाई के बाद भी पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कैनेडाई रक्षा मंत्री का सूबे के दौरे पर स्वागत करने से साफ इन्कार कर दिया। जबकि दिल्ली में उन्हें प्रोटोकाल के तहत गार्ड ऑफ आनर देने को लेकर अंतिम समय तक उहापोह की स्थिति थी। रक्षा मंत्रालय की ओर से पहले हरजीत सिंह को साउथ ब्लाक में गार्ड ऑफ आर्नर देने पर हां-ना और फिर आखिर में हां हुई। शायद कूटनीतिक रिश्तों को लेकर यह फैसला हुआ। वैसे विदेश मंत्रालय ऐसे किसी उहापोह से इन्कार कर रहा है। एक सेमिनार में को कैनेडाई रक्षामंत्री ने इस आरोप से पीछा छुड़ाने की कोशिश में सफाई दी कि उनकी जिंदगी में अब तक उन पर कई तरह के आरोपों व लेबल लगाए गए। मगर उनका मानना है कि आरोपों पर नहीं व्यक्ति के कार्यों पर उसका आकलन होना चाहिए। हरजीत सिंह ने कैप्टन अमरिंदर के आरोपों का जवाब देने के लिए कहा कि उनका किसी दूसरे देश की राजनीति या मामलों में दखल से कोई मतलब नहीं और वे भारत-कैनेडा के रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए आए हैं। मगर कैप्टन अमरिंदर ने केंद्र सरकार तक साफ संदेश भेज दिया कि वे हरजीत सिंह का न स्वागत करेंगे न ही पंजाब सरकार का कोई मंत्री उनके साथ रहेगा। कैप्टन ने अपने इस रुख से राष्ट्रवाद के संवेदनशील मुद्दे पर निस्संदेह बाजी अपने नाम कर कांग्रेस के खाते में दर्ज कर दी है। कैप्टन या पंजाब सरकार के किसी प्रतिनिधि के मिलने से इन्कार के बारे में पूछे जाने पर हरजीत ने तल्ख शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वे हरमंदिर साहब के दर्शन के लिए वहां जा रहे हैं। गौरतलब है कि कैनेडाई रक्षामंत्री हरजीत सिंह का परिवार पंजाब से ही कैनेडा गया था।
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