कश्मीर में मान्यता प्राप्त दलों से वार्ता को सरकार तैयार
सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह जम्मू कश्मीर के संकट को सुलझाने के लिये वहां के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से वार्ता के लिये तैयार है परंतु अलगाववादियों के साथ नहीं। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दो टूक शब्दों में कहा कि सरकार वार्ता की मेज पर तभी आयेगी जब मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल इसमें शिरकत करेंगे न कि अलगाववादी तत्व। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष यह दावा किया गया। उन्होंने जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के इस दावे को खारिज किया कि केन्द्र संकट को सुलझाने के इरादे से वार्ता के लिये आगे नहीं आ रहा है। रोहतगी ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री और राज्य की मुख्यमंत्री के बीच बैठक हुयी थी जिसमें मौजूदा हालात पर चर्चा हुयी थी। पीठ ने बार एसोसिएशन से कहा कि पत्थरबाजी और कश्मीर घाटी में सड़कों पर हिंसक आन्दोलन सहित इस संकट को हल करने के बारे में वह अपने सुझाव पेश करे। शीर्ष अदालत ने बार से यह भी स्पष्ट किया कि उसे इसके सभी पक्षकारों से बातचीत के बाद अपने सुझाव देने होंगे और वह यह कह कर नहीं बच सकती कि वह कश्मीर में सभी का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही है। न्यायालय ने कहा कि एक सकारात्मक पहल शुरू करने की आवश्यकता है और बार जैसी संस्था घाटी में स्थिति सामान्य करने के लिये एक योजना पेश करके इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
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